India Alliance : आज एनसीपी नेता शरद पवार के दिल्ली आवास पर इंडिया गठबंधन (India Alliance) के कोआर्डिनेशन कमेटी की पहली बैठक होने जा रही है। माना जा रहा है कि इस बैठक में लोकसभा चुनाव के लिए आपसी दलों में सीट बंटवारे का फॉर्मूला तय किया जायेगा। इंडिया गठबंधन की अब तक तीन बैठकें हो चुकी है। पहली बैठक पटना में दूसरी और तीसरी बैठक बेंगलुरु और मुंबई में की गई। बेंगलुरु की बैठक में विपक्षी एकता का नाम इंडिया रखा गया जबकि मुंबई बैठक में कई तरह की कमेटियां तैयार की गई।
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मुंबई की बैठक में मूलतः तीन कमेटियां बनाई गई थी। जिसमें चुनावी रणनीति और गठबंधन को आगे बढ़ाने वाली सबसे बड़ी समन्वय समिति बनाई गई। इस समिति में 14 सदस्य हैं। इसी समिति की आज बैठक होने जा रही है। हालांकि जानकारी के मुताबिक इस समिति में जदयू अध्यक्ष ललन सिंह हिस्सा नहीं ले रहे हैं लेकिन बाकी के सभी सदस्य हिस्सा ले रहे हैं। बता दें कि इस समिति के एक सदस्य ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी भी हैं। उन्हें आज ही ईडी ने पूछताछ के लिए बुलाया है। खबर है कि पूछताछ पूरी होने के बाद वे भी आज की बैठक में शामिल होगें। उनकी सहमति भी मिल गई है।
यह समन्वय समिति राज्यवार पहले सीटों का आंकलन कर रही है पिछले दो चुनाव के आंकड़े को समझ रही है और जनता के मिजाज को भी पढ़ रही है। इसके बाद हर राज्यों की पार्टियों के बीच सीटों का तालमेल कैसे हो ताकि चुनाव में कोई परेशानी भी नहीं हो और बीजेपी को शिकस्त भी दी जा सके इसको लेकर रणनीति तैयार की जा रही है। इस समिति का फोकस ज्यादातर उन राज्यों में है जहां कई पार्टियां है और जो गठबंधन में शामिल है। बिहार, यूपी, बंगाल, महाराष्ट्र जैसे राज्यों में सीटों का बंटवारा कैसे हो इसको लेकर ही आज बैठक में बहुत कुछ निर्णय हो सकता है।
बंगाल में माना जा रहा है कि वहां की अधिकतर सीटों पर टीएमसी चुनाव लड़ेगी। इसके बाद कांग्रेस और वाम दलों को भी कुछ सीटें दी जाएगी। लेकिन इस सीट बंटवारे में ममता बनर्जी की राय भी ली जा सकती है। याद रहे बंगाल में टीएमसी सबसे बड़ी पार्टी है और राज्य की सत्ता पर काबिज भी है।
उधर बिहार को लेकर भी कई तरह के निर्णय आज की बैठक में होने की बात है। बिहार में लोकसभा की 40 सीटें है। सीट बंटवारे को लेकर पार्टी की आंतरिक स्थिति को लेकर राजद और जदयू की भी बैठक हुई है। इस बैठक को एक तरफ जहां नीतीश कुमार ने अपनी पार्टी को जांचा परखा है वही राजद की स्थिति को भी समझने का काम तेजस्वी और लालू यादव ने किया है। दोनों दलों ने अपने पार्टी नेताओं को साफ़ कह दिया है कि पूरी ताकत के साथ बूथ स्तर पर तैयारी की जाएं और बीजेपी को चुनौती दी जाएं।
बता दें कि बिहार से लोकसभा में राजद के एक भी सदस्य नहीं हैं। लेकिन जदयू के पास लोकसभा में 16 सदस्य हैं। एक सदस्य कांग्रेस के पास भी है। प्रदेश कांग्रेस भी अपने लोगों के साथ बैठक कर रही है और उम्मीदवारों की पहचान भी की जा रही है। जानकारी मिल रही है उसके मुताबिक लगभग 15-15 सीटों पर राजद और जदयू चुनाव लड़ सकते हैं। कांग्रेस के खाते में 6 या सात जबकि माले और अन्य के खाते में चार सीटें रखी जा सकती है। वैसे बिहार कांग्रेस लगातर 9 सीटों की मांग कर रही है।
कुछ इसी तरह के पेंच यूपी में भी फंसे हुए हैं। यूपी की सबसे बड़ी गठबंधन (India Alliance) की पार्टी समाजवादी पार्टी है। विधान सभा में वह मुख्य विपक्षी भी है और लोकसभा में उसके पास अभी पांच सीटें है। जो खबर मिल रही है उसके मुताबिक यूपी में करीब 45 से 50 सीटों पर सपा चुनाव लड़ सकती है। अगर बसपा भी इस गठबंधन के साथ आती है तो कुछ कम सीटें भी सपा को मिल सकती है। इसी तरह कांग्रेस को करीब 15 से 20 सीटें मिल सकती है। बाकी सीटों पर जयंत चौधरी से लेकर कई और पार्टियां शामिल हो सकती है। दो चार सीटें वाम दलों को भी दी जा सकती है। मकसद एक ही है कि इन पांच राज्यों में जो भी सीटें किसी भी दल को मिलेगी उस पर एक ही उम्मीदवार उतारे जायेंगे।
इधर दिल्ली में सूत्रों के हवाले से जो खबर मिल रही है उसके मुताबिक करीब चार सौ सीटों पर एक सीट एक उम्मीदवार खड़ा करने की योजना है। फॉर्मूला यही है कि बीजेपी के पक्ष में अभी तक 35 फीसदी वोट पड़ते रहे हैं जबकि बाकी के करीब 60 फीसदी वोट विपक्षी दलों में बंटते रहे हैं। अब खेल यही है कि विपक्ष के बीच बंटने वाले वोट एक ही आदमी काे मिलें। यही काम इस समन्वय समिति को करना है।