इंडिया गठबंधन में सीटों के बंटवारे पर हाय तौबा ,लेकिन एनडीए में सबकुछ मौन !
Lok Sabha Elections 2024 | INDIA Alliance Seat Sharing News - NWI
INDIA Alliance Seat Sharing News! इंडिया गठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर हाय तौबा मचा हुआ है लेकिन कोई बीजेपी और एनडीए से नहीं पूछ रहा है कि जिन राज्यों में उनके सहयोगी पहले से तैयार हैं वहां सीटों का बंटवारा बीजेपी क्यों नहीं कर रही है ? मसलन यूपी में बीजेपी की क्या समस्या है ? उधर महाराष्ट्र और बिहार में अब क्या समस्या है ?इसी तरह कई और राज्यों में भी बीजेपी के सहयोगी दल तैयार हो चुके हैं लेकिन बीजेपी सीट बंटवारे को लेकर कोई साफ़ जवाब नहीं दे रही है।
याद कीजिये बीजेपी ने दिसंबर में ही यह जानकारी दी थी कि फरवरी के पहले सप्ताह तक सभी राज्यों में एनडीए के भीतर सीटों का बंटवारा हो जाएगा। लेकिन अभी तक नहीं हुआ। यह भी कहा गया था कि फरवरी में बीजेपी के उम्मीदवारों की सूची भी सामने आ जाएगी लेकिन संभव नहीं हो सका। पिछले चुनाव में जिन 160 सीटों पर बीजेपी की हार हुई थी वहां भी नए समीकरण के तहत उम्मीदवार खड़े करने की बात बीजेपी ने कही थी लेकिन वह भी संभव नहीं हो पाया।
लेकिन इंडिया गठबधना के भीतर क्या हो रहा है और किस दाल के साथ कांग्रेस की भिड़ंत चल रही है यही खबरे सामने दिख रही है। जाहिर इन खबरों को चलकर बीजेपी और गोदी मीडिया कांग्रेस के खिलाफ एक अभियान ही चला रहे हैं। हालांकि इसक लाभ क्या होना है इसे पता नहीं है। बीजेपी के साथ गोदी मीडिया जिस तरह से एक तरफा खबर चला रहा है उससे तो साफ़ है कि जो यह काम कर रहे हैं वे मेडिय के नाम पर बीजेपी के साथ ही खड़े हैं। कहा तो यह भी जाता है कि जो काम बीजेपी नहीं कर पा रही है गोदी मीडिया वाले उससे आगे का काम भी कर जा रहे है।
बीजेपी की परेशानी भी बढ़ी हुई है। पिछले लोकसभा चुनाव में हिंदी पट्टी के अधिकतर राज्यों में बीजेपी की लगभग सभी सीटों पर जीत हासिल हुई थी। लेकिन बीजेपी को इस बार जीत भले ही मिल जाए लेकिन पहले वाले सांसदों के खिलाफ जनता का भारी विरोध भी है। ऐसे में बीजेपी नेताओं को बदलने का काम कर रही है। लेकिन समस्या यह है कि जिन नेताओं का टिकट काटने जा रहा है उनकी तरफ से विरोध जारी है और सांसद के लोग भी परेशान है। यही वजह है कि एनडीए के घटक दल चाहकर भी सीटों का निर्णय नहीं कर पा रहे हैं।
बता दें कि एनडीए में सीटों का बंटवारा बीजेपी को करना है। कोई दूसरी पार्टी को यह निर्णय नहीं लेना है। बीजेपी को जिसको जीतनी सीट देगी उसे उतनी ही सीट लेनी होगी। जबकि इंडिया गठबंधन के साथ यह स्थिति नहीं है। इस गठबंधन के साथ जितने भी दल जुड़े हुए हैं उनमे से कई दलों की कई राज्यों में सरकार है और उसकी वहां मजबूत जमीन भी है। यह फिर कई राज्यों में वह मुख्य विपक्ष की भूमिका में है। ऐसे में इंडिया गठबंधन और एनडीए के बीच सीटों के बटवारे में बड़ा अंतर है। एनडीए में जहाँ बीजेपी को फेउसला लेना है वही िन्दी के भीतर क्षेत्रीय दलों को बड़ा निर्णय लेना है। लेकिन गोदी मीडिया को यह सब दिख नहीं रहा है।
असल में बीजेपी जानबूझकर सीटों का बंटवारा नहीं कर रही है। बिहार में तो बहुत पहले ही सीटों का बंटवारा हो जाना चाहिए था। लेकिन बीजेपी और जदयू के भीतर खेल चल रहा था और बाकी दलों को बीजेपी असमंजस में डाले हुए यति। हुआ भी वही। अब बीजेपी वहां जल्द ही सीट बाँट सकती है लेकिन फ्लोर टेस्ट होने के बाद। अगर नीतीश की सरकार बच जाती है तो फ्लोर टेस्ट के बाद सीटों का बंटवारा हो सकता है। बीजेपी को अब भी उम्मीद है कि वीआईपी पार्टी वाले मुकेश साहनी भी बीजेपी के साथ जुड़ सकते हैं। उसे भी अपने पाले में लाने का खेल किया जा रहा है। इसके बाद चिराग और उपेंद्र कुशवाहा के साथ क्या करना है इस पर अंतिम फैसला लिया जा सकता है।
यूपी में भी बीजेपी को साटन बाँट देने की जरूरत थी। कई दाल ऐसा चाहती भी है लेकिन बीजेपी को अभी भी किसी का। जैसे नीतीश कुमार का इंर्फार था वैसे ही जयंत चौधरी का इन्तजार भी बीजेपी कर रही है। इस सप्ताह के बाद बहुत कुछ साफ़ हो सकता है। यूपी में अनुप्रिया पटेल ,राजभर और निषाद के बीच सीटों का बंटवारा किया जाना है।
महाराष्ट्र में भी बीजेपी किसी क इन्तजार कर रही है। बीजेपी को आज भी लगता है कि उद्धव शिवसेना आज भी उसके साथ आ सकती है। यही वजह है कि शिंदे और अजित पवार के उसके खेमे में आने के बाद भी बीजेपी की जो परेशानी है वह दूर नहीं हो रही है।