भारत में हर वर्ष 15 जनवरी को सेना दिवस (Indian Army Day) मनाया जाता है। इसे लेफ्टिनेंट जनरल ( फ़ील्ड मार्शल) के. एम. करियप्पा के भारतीय थल सेना के शीर्ष कमांडर का पदभार ग्रहण करने के उपलक्ष में मनाया जाता है। करियप्पा ने 15 जनवरी 1949 को ब्रिटिश राज के समय भारतीय सेना के अंतिम ब्रिटिश शीर्ष कमांडर जनरल रॉय फ्रांसिस बुचर से पदभार ग्रहण किया था। इस दिन सैन्य परेड, सैन्य प्रदर्शन और अन्य आधिकारिक कार्यक्रमों के साथ नई दिल्ली और सभी सेना मुख्यालयों में मनाया जाता है।
मोदी ने भारतीय सेना की सराहना
सेना दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय सेना की सराहना की। उन्होने कहा कि सैनिकों ने हमेशा हमारे देश को सुरक्षित रखा है। फील्ड मार्शल के.एम. करियप्पा ने 1949 में अपने ब्रिटिश पूर्ववर्ती की जगह भारतीय सेना के पहले भारतीय कमांडर-इन-चीफ के रूप में पदभार ग्रहण किया था। उन्होने कहा कि भारतीय सेना ने हमेशा देश को सुरक्षित रखते हुए संकट के समय सबकी सेवा की है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी सेना दिवस की शुभकामनाएं दी। उन्होने कहा कि आपदाओं के समय सैनिकों ने हमेशा वीरता की सीमाओं को आगे बढ़ाया है और रक्षक के रूप में कार्य किया है। मैं भारतीय सेना के बहादुर जवानों और उनके परिवारों को सलाम करती हूं।
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कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सैनिकों और पूर्व सैनिकों की सराहना की। उन्होने कहा कि देशवासी करियप्पा अदम्य साहस, अत्यंत समर्पण और निःस्वार्थ बलिदान के लिए हमेशा ऋणी रहेंगे। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक ट्वीट में कहा, “शौर्य, देशभक्ति और बलिदान – हमारी सेना का हर जवान इनमें भरा हुआ है।” उन्होंने सेना दिवस पर सभी जवानों, पूर्व सैनिकों और थल सेना दिवस की शुभकामनाएं दीं।
कांग्रेस ने ट्वीट करके सैनिकों को किया सलाम
कांग्रेस की ओर से ट्वीट में कहा गया है कि हम भारतीय सेना के जवानों को राष्ट्र के प्रति उनकी निस्वार्थ सेवा के लिए सलाम करते हैं। साथ ही उस गौरवपूर्ण दिन को भी याद करते हैं जब भारतीय सेना को अपना पहला भारतीय कमांडर-इन-चीफ के.एम. करियप्पा के रुप में मिले थे। उन्होने सेना का नेतृत्व बहुत की कुशलता के साथ किया था।