Jairam Ramesh: भारत की जीडीपी वृद्धि दर 6.5%: विकास की रफ्तार क्यों सुस्त पड़ रही है? बोले कांग्रेस नेता जयराम रमेश
कांग्रेस नेता और कांग्रेस संचार प्रभारी जयराम रमेश ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म X (पूर्व में ट्विटर) के माध्यम से सीधा मोदी सरकार पर निशाना साधा और लिखा कि राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) द्वारा वित्त वर्ष 2024-25 के लिए जारी प्रावधिक (provisional) जीडीपी आंकड़े भारत की अर्थव्यवस्था की सुस्त रफ्तार की ओर इशारा करते हैं। वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर 6.5% रही, जो 2022-23 की तुलना में गिरावट दर्शाती है और पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के कार्यकाल में दर्ज 7.7% औसत वार्षिक वृद्धि दर से काफी नीचे है।
Jairam Ramesh: कांग्रेस नेता और कांग्रेस संचार प्रभारी जयराम रमेश ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म X (पूर्व में ट्विटर) के माध्यम से सीधा मोदी सरकार पर निशाना साधा और लिखा कि
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) द्वारा वित्त वर्ष 2024-25 के लिए जारी प्रावधिक (provisional) जीडीपी आंकड़े भारत की अर्थव्यवस्था की सुस्त रफ्तार की ओर इशारा करते हैं। वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर 6.5% रही, जो 2022-23 की तुलना में गिरावट दर्शाती है और पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के कार्यकाल में दर्ज 7.7% औसत वार्षिक वृद्धि दर से काफी नीचे है।
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO), सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय (MoSPI) ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए GDP वृद्धि के provisional अनुमान जारी किए हैं। वार्षिक वास्तविक GDP वृद्धि दर 6.5% रही है – जो 2022-23 की तुलना में तेज गिरावट है और डॉ. मनमोहन सिंह के…
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) May 30, 2025
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विनिर्माण क्षेत्र में गिरावट
असल तस्वीर और भी चिंता बढ़ाने वाली है। जनवरी-मार्च 2025 की तिमाही में विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर सिर्फ 4.8% रही, जबकि पिछले साल यह 11.3% थी। सरकार इस सच्चाई का सामना करने की बजाय एक बार फिर बात घुमाने में लगी है – कहा जा रहा है कि ‘उद्योग से जुड़े सुधारों के नतीजे समय के साथ दिखेंगे।’ ‘मेक इन इंडिया’ को 11 साल हो चुके हैं, और अब भी कहा जा रहा है कि इसके असर के लिए और इंतजार करें।
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जनसांख्यिकीय अवसर का धीमा दोहन
भारत की जनसांख्यिकीय शक्ति (demographic dividend)और अनुकूल अंतरराष्ट्रीय भू-राजनीतिक परिस्थितियाँ हमें आने वाले 20-30 वर्षों में तेज आर्थिक विकास का ऐतिहासिक मौका देते हैं। ऐसे में 6.5% की विकास दर औसत से काफी कम मानी जाएगी -और फिलहाल इसके बेहतर होने की उम्मीद भी नहीं दिखती, जब देश के भीतर खपत धीमी है, लोगों की आमदनी रुकी हुई है, आर्थिक असमानता बढ़ रही है और निजी निवेश की रफ्तार अभी भी सुस्त है।
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कांग्रेस नेता और कांग्रेस संचार प्रभारी जयराम रमेश ने ये सभी बातें अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म X (पूर्व में ट्विटर) के माध्यम से कही। अपने ट्विटर पर पोस्ट कर जयराम रमेश के सीधा मोदी सरकार पर निशाना साधा है।
भारत की आर्थिक संभावनाएं अभी भी बहुत विशाल हैं, लेकिन उन्हें साकार करने के लिए नीतिगत स्पष्टता, खपत और रोजगार बढ़ाने वाली रणनीतियाँ, और निजी निवेश को प्रोत्साहित करने वाले उपायों की तत्काल आवश्यकता है। वरना 6.5% की वृद्धि दर भविष्य की पीढ़ियों के लिए एक खोया हुआ अवसर बन सकती है।
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