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Science/Technology News: भारत में शहरी इंफ्रास्ट्रक्चर में 2030 तक निवेश 143 लाख करोड़ रुपये होगा

आने वाले वर्षों में भारत में गुणवत्तापूर्ण शहरी बुनियादी ढांचे की मांग बढ़ेगी। इसके चलते भारत 2030 तक बुनियादी ढांचे में 143 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश कर सकता है। सोमवार को जारी एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई।

Science/Technology News: सोमवार को जारी एक रिपोर्ट में यह जानकारी मिली है कि, आने वाले सालों में भारत में गुणवत्तापूर्ण शहरी इंफ्रास्ट्रक्चर की मांग बढ़ेगी। इसके चलते भारत 2030 तक इंफ्रास्ट्रक्चर में 143 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश कर सकता है।

कोलियर्स की रिपोर्ट के अनुसार, तीव्र बुनियादी ढांचे के विकास से देश भर में सैटेलाइट टाउनशिप की वृद्धि को बढ़ावा मिल रहा है। रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि, 2030 तक इस व्यय का अधिकांश हिस्सा शहरी क्लस्टरों की ओर निर्देशित किया जाएगा, जिससे शहरी क्षेत्रों में इंफ्रास्ट्रक्चर के आधार पर विकास होगा। विचाराधीन परियोजनाओं में हवाई अड्डे, अंतर-शहर मेट्रो कनेक्टिविटी, एयरोसिटी, राजमार्ग, हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर, आईटी+आईटीईएस क्षेत्र, बड़े डेटासेंटर सांद्रता क्षेत्र और अन्य शामिल हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है कि, यह प्रवृत्ति मुंबई महानगर क्षेत्र में देखी जा रही है। मुंबई और उसके आसपास के स्थानों में भीड़भाड़ को कम करने के लिए योजनाबद्ध तरीके से काम किया जा रहा है।

इसके बाद रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि, मुंबई महानगर क्षेत्र (एमएमआर) का विकास विभिन्न इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं से प्रेरित है, जिसमें मुंबई ट्रांस-हार्बर लिंक (एमटीएचएल), नवी मुंबई एयरपोर्ट इन्फ्लुएंस नोटिफाइड एरिया (एनएएएनए), विरार-अलीबाग मल्टीमॉडल कॉरिडोर, मुंबई-पुणे मिसिंग लिंक और जेएनपीटी एक्सटेंशन परियोजना शामिल हैं।

रिपोर्ट के अनुसार, बेंगलुरु केम्पेगौड़ा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के संचालन ने उत्तरी बैंगलोर के विस्तार में एक नया आयाम जोड़ा है।

2020 से 2024 की अवधि में नई परियोजनाओं की घोषणाओं के कारण भूमि की कीमतों में लगभग 2.5 गुना वृद्धि हुई है, जो 1,800 रुपये से बढ़कर 4,500 रुपये प्रति वर्ग फीट हो गई है। यह वृद्धि उत्तरी बेंगलुरु के छोटे बाजारों जैसे देवनहल्ली, चिक्काबल्लापुर, हेब्बल और येलहंका में सबसे अधिक हुई है।

नवी मुंबई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा के बारे में

आगामी नवी मुंबई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा मल्टी-मॉडल परिवहन कनेक्टिविटी वाला भारत का पहला हवाई अड्डा होगा। नए हवाई अड्डे की क्षमता प्रति वर्ष 90 मिलियन यात्रियों की होगी और परियोजना के तहत आसपास की 90,000 एकड़ भूमि विकसित की जाएगी।

इससे क्षेत्र में रियल एस्टेट विकास को बढ़ावा मिलेगा और खोपोली और पेन जैसे छोटे बाजारों में जमीन की कीमतें अगले पांच वर्षों में 4,200 रुपये प्रति वर्ग फुट से लगभग 3.9 गुना बढ़कर 16,200 रुपये प्रति वर्ग फुट (2024-2030) होने की उम्मीद है।

उत्तर प्रदेश जेवर एयरपोर्ट के बारे में

उत्तर प्रदेश में बनने वाला जेवर एयरपोर्ट राज्य में शहरीकरण को बढ़ावा देगा। अंतर्राष्ट्रीय फिल्म सिटी और मेट्रो लाइन विस्तार जैसी सरकारी पहलों ने जेवर के टाउनशिप के रूप में विकास को और तेज़ कर दिया है। इन पहलों की वजह से पिछले 5 सालों में जमीन की कीमत में बढ़ोतरी हुई है, जो 5,000 रुपये से बढ़कर 7,000 रुपये प्रति वर्ग फीट हो गई है।

चेन्नई पेरिफेरल रिंग रोड

चेन्नई पेरिफेरल रिंग रोड परियोजना के पूरा होने से श्रीपेरंबदूर, सिंगापुरमलकोइल और अन्य जैसे उपग्रह शहरों के विकास को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।

पिछले पांच वर्षों में इन क्षेत्रों में भूमि की कीमतें 2,500 रुपये प्रति वर्ग फुट से बढ़कर 3,800 रुपये प्रति वर्ग फुट हो गई हैं।

कोलियर्स की रिपोर्ट में कहा गया है, “हम उम्मीद करते हैं कि आने वाले वर्षों में इन क्षेत्रों में वृद्धि जारी रहेगी, जिसे फिनटेक सिटी और परान्दुर में प्रस्तावित चेन्नई ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे जैसी आगामी परियोजनाओं से बल मिलेगा।”

Written By। Chanchal Gole। National Desk। Delhi

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