Karnataka Election EXit Poll: अभी से मात्र 24 घंटे के बाद ही कर्नाटक के चुनाव परिणाम 13 तारीख को आने शुरू हो जायेंगे। फिर सच और झूठ की कहानी ख़त्म हो जाएगी और एग्जिट पोल की पोल भी खुल जायेगी। लेकिन कर्नाटक के एग्जिट पोल की मीणो में अलग है इसलिए इस पर बट करने की जरूरत लगती है। हालिया एग्जिट पोल का विश्लेषण करें तो साफ लगता है कि जो गोदी मीडिया बीजेपी के खिलाफ एक शब्द बोलने को तैयार नहीं है वह अचानक एग्जिट पोल में बीजेपी को पीछे क्यों दिखा रही है ? अब तक का इतिहास तो यही बताता है कि जहां बीजेपी हर भी रही होती ही मीडिया सर्वे में उससे जीतते दिखाया जाता है। जहां बीजेपी का कोई वजूद नहीं वहां सरकार बनाते दिखाया जाता रहा है। बीजेपी के जिन नेताओं की राजनीति में कोई पूछ नहीं उसे नायक करारा दिया जाता रहा है। ऐसे में कर्नाटक को लेकर जो एग्जिट पोल सामने आये हैं कई साल पैदा करते हैं।
पश्चिम बंगाल में जब विधान सभा चुनाव हो रहे थे तब पूरी गोदी मीडिया बीजेपी की भारी जीत दिला रही थी। जैसे ही बीजेपी ने अपनी पूरी तैयारी के साथ ममता के नेताओं को ही तोड़कर चुनावी शंखनाद किया गोदी मीडिया अपने अभियान में जुट गई। यह जुट गई या जुटी गई यह तो जांच क विषय हो सकता है लेकिन सभी चैनलों और अखबारों ने बीजेपी की राजनीति को बढ़चढ़कर बताना शुरू क्र दिया था। अधिकतर चैनलों ने कहना शुरू किया कि बीजेपी के सामने ममता नहीं टिक सकती। बीजेपी सरकार बना रही है और वह भी बहुमत की सरकार। चुनाव तक तो यह सब चलता रहा। जब चुनाव हो गए तो एग्जिट पोल की बारी आई। इस एग्जिट पोल में भी अधिकतर मीडिया वालों ने बीजेपी की जीत को रेखांकित किया था। सबने एक शुर में कहा था कि बीजेपी बंगाल में सरकार बनाने जा रही है। लेकिन जो परिणाम सामने आये वह सबको पता है। सारे पोल झूठे साबित हो गए लेकिन किसी भी मीडिया घणो ने लोगों से माफ़ी नहीं मांगी।
कहने क मतलब यह है कि पिछले कई सैलून से यह ट्रेंड चल रहा है कि कम से कम एग्जिट पोल में बीजेपी को हारते हुए नहीं दिखाया जाता। इससे सर्वे कम्पनियाँ डरती रही है। जहाँ बीजेपी की अच्छी स्थिति होती है वहाँ की बात को छोड़िये जहां वह टक्कर में भी नहीं होती वहां भी बीजेपी को जीतते दिखने का रिवाज रहा है।
अभी हिमाचल प्रदेश में जो चुनाव हुए थे उसके पोल को समझिये तो हंसी आएगी। हिमाचल चुनाव के दौरान सभी मीडिया वलों ने बीजेपी सरकर बनाने का दावा किया था। सभी जान रहे थे बीजेपी की हालत खराब है और बीजेपी के नेता पार्टी छोड़कर निकल रहे हैं। लेकिन जो सर्वे पोल आ रहे थे उसमे बीजेपी लगभग सीटें जीतती दिखाई जा रही थी। चुनाव के बाद जो एग्जिट पोल आये उसमे भी अधिकतर चनलों ने बीजेपी की सरकार बनने की गारंटी दे दी थी। सर एक या दो पोल ऐसे थे जो हिम्मत दिखाकर यह कहा था कि बीजेपी चुनाव लूज कर रही है और कांग्रेस की जीत की सम्भावना है। परिणाम ये तो सब साफ हो गया।
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दरअसल बीजेपी जहां हारती भी है वहां अंतिम समय तक मीडिया उसे जीतती दिखाती ही यह एक ट्रेंड चल रहा है। इसके पीछे की कहानी क्या है यही आजतक समझ से परे है। कर्नाटक का एग्जिट पोल भी कुछ यही कहता दिखता ही। 6 चैनलों ने कांग्रेस की सरकार का दावा किया है जबकि चार चैनलों ने बीजेपी की सरकार को बनते दिखाया है । दो चैनल तो ऐसे हैं जिन्होंने हर हाल में बीजेपी की वापसी की गारंटी देते हैं। ऐसे में बीजेपी के पक्ष में भी 6 पोल खड़े हैं। लेकिन बीजेपी को सच्चाई का पता है और बीजेपी वाले भी मीडिया की चापलूसी पर ठहाका लगा रहे हैं। लोकतंत्र का यही खेल सबको भ्रमित किये हुए है