नई दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुनील जाखड़ का शनिवार को कांग्रेस छोड़ने का फैसला कोई अप्रत्याशित नहीं है। इससे पहले कि पार्टी हाईकमान सोनिया गांधी उनके खिलाफ कोई कार्रवाई करतीं, उससे पहले ही उन्होने पार्टी को बॉय-बॉय करने अपने आत्म-सम्मान को बचा लिया है। सुनील जाखड़ ने उचित समय पर सही निर्णय लेकर सोनिया गांधी को आईना दिखाने का काम किया है।
कांग्रेस का जयपुर में तीन दिवसीय चिंतन शिविर आयोजित करके पार्टी को मजबूत करने के लिए आपसी मतभेदों को भुलाने और सबको साथ लेकर नई ऊर्जा के साथ नई कार्ययोजना तैयार कर रही है, लेकिन शिविर के दूसरे दिन शनिवार को अचानक 68 वर्षीय वरिष्ठ नेता के पार्टी सुनील जाखड़ का पार्टी छोड़ने ऐलान एक बड़ा झटका माना जा रहा है।
सुनील जाखड़ ने अपने फेसबुक पेज पर लाइव होकर कांग्रेस को गुड लक कहकर बॉय-बॉय कर दिया। उन्होने सोनिया गांधी को आईना दिखाते हुए सीधा संकेत दिया कि पार्टी में चापलूसों को बोलबाला है। जाखड़ को सोनिया से यह कहना कि- आप अपनी विचारधारा से मत हटिए, का भी गहरा अर्थ है। उन्होने पंजाब के विधान सभा चुनावों में मिली कांग्रेस की हार के लिए भी दिल्ली में बैठे नेताओं को जिम्मेदार ठहराकर सोनिया गांधी पर ही तंज कसा है।
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उधर कांग्रेस नेताओं का एक गुट यह मान रहा है कि सुनील जाखड़ ने अपने खिलाफ होने वाली अनुशासनात्मक कार्रवाई से बचने के लिए ही पार्टी को छोड़ा है। उन्हें पार्टी की तरफ से पहले ही नोटिस जारी किया जा चुका था। जाखड़ को आशंका थी कि चिंतन शिविर के बाद उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए उन्हें दो साल के लिए निकाला जा सकता है, इसलिए उन्होने पहले ही पार्टी छोड़ दी।