Jammu and Kashmir News! देश की राजनीतिक गलियारों में कई तरह की घटनाएं घट रही है। एक तरफ संसद के भीतर और बाहर सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच रार है तो दूसरी तरफ जांच एजेंसियों के खेल से विपक्ष बेहाल है। विपक्षी एकता की कहानी अलग से है। जो कभी बनती दिखती है तो कभी बिखरती जाती है। इसी बीच जम्मू -कश्मीर को फिर से राज्य का दर्जा देने के लिए भी विपक्षी नेताओं की गोलबंदी होती दिख रही है। इस मामले को लेकर विपक्षी दलों ने एक बैठक भी की है जिसमे कांग्रेस ,सपा ,आप ,डीएमके ,एनसीपी ,टीएमसी ,राजद और सीपीआईएम जैसी पार्टी शिरकत की है। यह बैठक दिल्ली के कंस्टीटूशन क्लब में हुई है। बाद में सभी विपक्षी पार्टियों ने चुनाव आयोग से जम्मू कश्मीर को दोबारा राज्य बनाने के साथ ही जल्द ही वहाँ चुनाव कराने की मांग की है। अब विपक्षी नेता कश्मीर जाने को तैयार हैं।
एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा है कि विपक्षी पार्टियां अब जम्मू कश्मीर जायेंगे और वहाँ के लोगो की समस्यायों सुनेंगे ,उनके दुःख को बांटेंगे। हम उन्हें देंगे कि देश की जनता उनके साथ खड़ी है। बता दें कि जो बैठक हुई है उसमे जम्मू कश्मीर की स्थानीय पार्टियों ने बड़ी भुमिका निभाई है। सभी विपक्षी दलों को अपनी बात कही है और पहली बार जम्मू कश्मीर राज्य के मामले पर विपक्षी दलों से सामर्थ्यं की मांग की है। इस बैठक में नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ,आप नेता संजय सिंह और राजद नेता मनोज झा भी शामिल थे।
बैठक के बाद विपक्षी पार्टियों का एक डेलिगेशन चुनाव आयोग से भी मिला और वहाँ जल्द चुनाव कराने का ज्ञापन भी दिया है। फारुख अब्दुल्ला ने मीडिया को कहा है कि चुनाव आयोग ने जम्मू कश्मीर में जल्द चुनाव कराने का भरोसा भी दिया है। अब्दुल्ला ने कहा कि सभी पार्टियां जम्मू कश्मीर में जल्द चुनाव कराना चाहती है। फारुख ने कहा कि पीएम मोदी और गृह मंत्री शाह कहते हैं कि जम्मू कश्मीर में सब नार्मल है। यहाँ जी 20 की बैठक भी होगी फिर चुनाव क्यों नहीं हो रहे ?
पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुला ने कहा जब सब कुछ ठीक है तो राज्य के लोगो को एक चुनी हुई सरकार चाहिए और सरकार चुनाव कराने से बच रही है। चुनाव के पक्ष में स्थानीय पार्टियां भी हैं और देश की बड़ी विपक्षी पार्टियां भी। उधर फारुख अब्दुल्ला के बेटे उमर अब्दुल्ला ने कहा है कि त्रिपुरा और नागालैंड में चुनाव हो चुके हैं। अगले महीने कर्नाटक में भी चुनाव होने हैं। जब वहाँ चुनाव हो सकते हैं तो जम्मू कश्मीर में क्यों नहीं ?बीजेपी चुनाव कराने से डर रही है क्योंकि उसे पता है कि वह चुनाव हार जाएगी।
बता कि जम्मू कश्मीर में पिछले पांच साल से कोई चुनी हुई सरकार नहीं हैं। अंतिम चुनाव वहाँ 2014 में हुए थे। अगस्त 2019 में जम्मू कश्मीर से धारा 370 को ख़त्म कर दिया गया है। जम्मू कश्मीर और लद्दाख को केंद्र शासित राज्य घोषित किया गया था।