Latest Jammu and Kashmir News (जम्मू कश्मीर समाचार)! समय को कौन जानता है ? कभी जम्मू कश्मीर देश और दुनिया का स्वर्ग कहलाया लेकिन बाद में यही स्वर्ग आतंकवाद से कराहता भी रहा। इस राज्य की बदनामी खूब हुई। आतंकवाद से न जाने कितनी जाने गई ,कितने के घर उजड़े और न जाने कितने आज भी दर -बदर की ठोकरे आज भी खा रहे हैं। कश्मीरी पंडित आज भी अपनी आँखों में आंसू लिए अपनी पहचान को लेकर तरस रहे। हैं सरकार आती रही ,जाती रही। सबने शांति का उपदेश दिया लेकिन न आतंकवाद रुका और नहीं पलायन किये लोगो के दर्द कम हुए। देश का स्वर्ग जम्मू कश्मीर आज भी वही है लेकिन उनके लोग वर्षो से संताप ही झेल रहे हैं।
लेकिन आज फिर से धरती का यह स्वर्ग चर्चा में है। चर्चा भी ऐसी कि जम्मू कश्मीर मालामाल हो जाए और देश की तक़दीर बदल जाए। यहां बड़े पैमाने में लिथियम का खजाना मिला है। कहा जा रहा है कि इस खनिज भंडार से भारत आत्मनिर्भर हो जायेगा। जम्मू कश्मीर के रियासी जिले में मिले लिथियम भंडार की मात्रा 59 लाख टन आंका गया है। अगर यह सच है तो भारत की तक़दीर बदल सकती है। कहा जा रहा है कि यह लिथियम उच्च गुणवत्ता वाला है। भारत दूसरे देशो से अब तक इसका आयात करता रहा है। आस्ट्रलिया और अर्जेंटीना से भारत लिथियम खरीदता रहा है।
लिथियम एक खनिज है जिसका इस्तेमाल इलेक्ट्रिक गाड़ियों ,मोबाइल फोन और लैपटॉप में लगने वाली बैटरी में किया जाता है। माना जाता है कि डीजल और पेट्रोल गाड़ियों से होने वाला प्रदूषण कम करने में लिथियम काही अहम् होता है। भारत के जम्मू कश्मीर में मिले लिथियम के अकूत भंडार के बाद उम्मीद की जा रही है कि वर्ष 2030 तक देश में इलेक्ट्रिक गाड़ियों के निर्माण में 30 फीसदी तक की बढ़ोतरी हो सकती है।
खनिज मंत्रालय के अनुसार जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ़ इंडिया ने लिथियम का यह भण्डार रियासी जिले में हमने ब्लॉक में ढूंढा है। यह इलाका चिनाव नदी पर बने 690 मेगावाट की क्षमता वाले सलाल पावर स्टेशन से लगभग आठ किलो मीटर की दुरी पर है। इस्त्ने बड़े पैमाने पर भारत में लिथियम मिलने के बाद दुनिया को भी पता चल गया है कि भारत इस क्षेत्र में आत्मनिर्भर हो गया है। अभी इसके कुछ परीक्षण होने हैं इसके बाद खनन के लिए सरकार ठेके जारी करेगी। बता दें कि लिथियम का एक छोटा भंडार पिछले साल कर्नाटक में भी मिला था। हालांकि मात्रा के हिसाब से यह काफी छोटा भंडार है।