Jharkhand political News Update chunav 2024: कब क्या हो जाए यह कौन जानता है ? कब किसकी लॉटरी लग जाए और कब कोई जमींदोज यह जाए यह भी तो कोई नहीं जानता। और फिर राजनीति तो जुए का खेल ही है। इस राजनीति में जब कोई चरित्र ही नहीं है तब चरित्रवान बनने के ढोंग को जनता पसंद भी नहीं करती। भले ही किसी भी नेता के सामने जनता कुछ नहीं बोले लेकिन बगल में जनता जो बाते करती है नेता जन वह भी जानते हैं। लेकिन चुकी राजनीति थेथर होती है इसलिए नेता सबकुछ जानते हुए भी फिर उसी जनता के पास पहुँचती है जिसको वह लगातार ठगती रही है।
हालांकि यह सब कोई पहली बार नहीं हुआ है। यह तो सनातन धरम है राजनीति का। फर्क केवल यही है कि पहले के लोग सीधे होते थे और नेता भी देश और जनता के लिए समर्पित होते थे। सरकार बने या नहीं बने नेता कुछ बातों को लेकर तो सतर्क रहते ही थे कि कम से कम जनता के साथ धोखा नहीं किया जाए। लेकिन अब ऐसा नहीं है। यहाँ तो झूठ से ही राजनीति शुरू होती है और झूठ के साथ ही खत्म भी हो जाती है।
लेकिन राजनीति में समय का बड़ा ही अपना महत्व है। कब कौन सी घटना घट जाए यह तो कोई नहीं जानता लेकिन जब घटना घट जाती है तो खेल ही पलट जाता है। कर्नाटक के सेक्स स्कैंडल से बीजेपी की परेशानी निश्चित तौर पर बढ़ी है। इसका असर केवल कर्नाटक तक ही सिमित नहीं है। इस कांड का असर अब देश भर में होता दिख रहा है। लोग अब कहते नजर आ रहे हैं कि इतना बड़ा सेक्स काण्ड तो आजद भारत में अभी तक देखा नहीं गया। यह ऐसा कांड है जिसे नेताओं ने ही अंजाम दिया। इस कांड को अंजाम देने वाले जेडीएस के नेता रहे हैं लेकिन बड़ी बात तो यह है कि जिस नेता ने सेक्स कांड को अंजाम दिया उस नेता का प्रचार पीएम मोदी भी करते रहे। बीजेपी के लोग करते रहे और यहाँ तक कि बीजेपी ने सब कुछ जानते हुए इस कांड को छुपाये भी रखा।
अंजाम ये है कि अब पुरे देश में इसका राजनीतिक असर देखने को मिल रहे हैं। कई प्रदेशों में जहाँ बीजेपी को अच्छे मतदान मिलते थे इस बार ऐसा नहीं है। हालांकि यह भी साफ है कि जनता भले ही कम मतदान दे रही है लेकिन किसके लिए मतदान हो रहा है यह भी तो किसी को मालूम नहीं लेकिन बीजेपी की मुश्किलें तो बढ़ ही गई है।
लेकिन अब बीजेपी को एक दूसरे कंडे से लाभ भी होने की सम्भावना है। झारखंड में भ्रष्टाचार की जो कहानी सामने आयी है उससे बीजेपी की बांछे खिल गई है। कर्नाटक कांड ढकने के लिए झारखंड में कांग्रेस नेता के पीए के घर से करोड़ी किं जो राशि निकाली गई है उससे बीजेपी को लाभ मिल सकता है। जाहिर है झारखंड में पकडे गए नोटों के बण्डल से साफ़ हो गया है कि यह देश भ्रष्टाचार में लिप्त है और अधिकतर नेता और उनके दलाल इस काण्ड को आगे बढ़ा रहे हैं। जो पकड़ा गया जाहिर है वह बदनाम हो जाता है और जो बचा गया वह साधू बने घूमता रहता है। लेकिन एक सवाल यही है कि जब लोकसभा चुनाव जितने के लिए एक सीट पर करोडो की राशि खर्च की जाती है तो वह पैसे कहाँ से आते हैं इसके बारे में कोई किसी से नहीं पूछता। कोई बताये भी क्यों ?इस दलदल में तो सभी शामिल ही है। कोई किसी से कम नहीं।
झारखंड के मंत्री हैं आलमगीर आलम ,बड़े नेता है और कांग्रेस की राजनीति करते हैं। जिस दिन राहुल गाँधी झारखंड में भाषण देने गए थे उसके एक दिन पहले ही ईडी ने आलमगीर आलम के सचिब के नौकर के यहाँ छापेमारी की और 34 करोड़ की नकदी को बरामद किया। जब यह नकदी इकठ्ठा की जा रही थी लोगों की आँखे फटी जा रही है। लोग कह रहे थे कि आखिर ये पैसे आये कहाँ से ?एक तरफ जनता महंगाई और बेकारी से त्रस्त है। उसी झारखण्ड में गरीबो और आदिवासियों की क्या गति है यह सभी जानते हैं और फिर एक नेता के नौकर के यहाँ से इतनी बड़ी रकम का निकलना कई सवालों को जन्म देता है।
जाहिर है अब इसका लाभ बीजेपी को मिल सकता है। मोदी हमेशा भ्रष्टाचार और कालाधन की बात करते रहे हैं। पीएम मोड़ अजब ओडिशा में भाषण दे रहे थे तब कह रहे थे कि झारखंड में नोटों का पहाड़ मिल रहा है। चुकी जांच एजेंसिया लूट के माल को पकड़ रही है इसलिए विपक्ष वाले मोदी का विरोध कर रहे हैं। बीजेपी को अब इसका लाभ मिल सकता है।
झारखंड के चुनाव में इसका कितना असर होगा यह तो कोई नहीं जानता लेकिन देश के दूसरे हिस्से में इसका असर होगा। बीजेपी के शहरी और मध्यम वर्ग के बीच यह मुद्दा काम कर सकता है। बीजेपी अब दावे के साथ कह सकती है कि विपक्षी पार्टियां काफी भ्रष्ट है और लुटेरा भी। विपक्ष के भ्रष्ट होने और मोदी के ईमानदार होने का नैरेटिव सेट किया जा सकता है।