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नई उड़ान शो के जरिए प्रतिभाएं तराशेगें कैलाश खेर

कैलाश खेर (Kailash Kher) का नाम जुबान पर आते ही जेहन में ऐसा भक्तिमय-सूफियाना संगीत गूंजने लगता है जो सबकुछ भुलाकर आपको ईश्वर से जोड़ देते है। कैलाश कहते हैं कि जिंदगी के थपेड़ों ने उन्हें बहुत कुछ सिखाया है। वक्त की छेनी हथौड़ी से गढ़े जाने के दौरान उन्होंने जो सीखा, आज वही उनके संगीत में झलकता है।

Kailash Kher

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अपनो संगीत से सभी को मंत्रमुग्ध कर देने वाले कैलाश खेर को तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (prime minister narandra modi) भी अपना नवरत्न बता चुके हैं। कैलाश खेर (Kailash Kher) 7 सालों से अपने जन्मदिन पर केक काटने या मोमबत्तियां बुझाने के बजाय ऩई प्रतिभाओं को हुनर दिखाने का मौका देते हैं। सात जुलाई को 50वां जन्मदिन मनाने के बाद 21 जुलाई यानि आज शुक्रवार को नई उड़ान कार्यक्रम का आयोजन करेंगे।

एक और कैलाश खेर की तलाश
बता दें कैलाश खेर (Kailash Kher) के नए शो “नई उड़ान” में इस बार 18 से 30 साल के 20 लोगों को हुनर दिखाने के लिए मौका दिया जा रहा है। जानकारी के मुताबिक बता दें शो में रचित अग्रवाल की गायकी ने कैलाश को काफी प्रभावित किया है। इनके अलावा अभिषेक मुखर्जी, रूपम भरनहिया, अजय तिवारी, मिस्मी बोस, मैथिली शोम, रितेश राव, स्वरित केलकर, मानसी भारदूज (mansi bhardwaj), अथर्व बख्शी, तेजस विंचुरकर, मिताली विंचुरकर, रौशन वर्मा, आयुष्मान श्रीवास्तव (ayushman srivastav), अंकिता ब्रम्हे और आयुषी मिश्रा(ayushi mishra) जैसे गायकों को भी मौका दिया जाएगा।

नई उड़ान के जरिए हुनर पुरी दुनिया के सामने लाने है
नई उड़ान के बारे ने कैलाश बताते हैं, इसके लिए प्रतिभांए तलाशने का काम सालभर चलता है। हम देश के कोने कोने में जाकर संगीत में रूचि रखने वालों को तलाशने से तराशकर हुनर पुरी दुनिया के सामने लाने का मौका देते हैं। वहीं इस मंच की बदौलत अब तक 30-35 युवा संगीत की दुनिया में अपने पैर जमा चुके हैं।

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मुश्किल के समय नहीं था कोई गाइड करने वाला
कोरोना महामारी के बाद पहली बार ऑफलाइन आयोजित होने के कारण से इस बार कार्यक्रम कुछ दिन आगे खिसक गया है। पद्मश्री गायक ने इस मौके पर बातचीत में कहा, मेरे संघर्ष के दिनों में कोई मुझे गाइड करने वाला नहीं था, लेकिन अब मैं नहीं चाहता तमाम हुनरमंद उन्हीं मुश्किलों को झेलें जो कभी मैंने सही हैं। वह दुनिया में बेहतरीन संगीत की अलख जगाना चाहते हैं।

आसान नहीं रहा मुंबई में पैर जमाना
कैलाश 2002 में मुंबई पहुंचे। उस समय रिकॉर्ड कंपनियां मनमानी शर्तें चलाती थीं। एल्बम निकालने की काफी कोशिशें कीं, पर यह कहकर खारिज कर दिया गया कि यह नहीं चलेगा। इसी बीच फिल्म के लिए गाया गया उनका गाना अल्लाह के बंदे हिट हो गया। तब पहले मना कर चुकीं एक रिकॉर्ड कंपनी ने उन्हें एल्बम रिकॉर्ड करने के लिए बुलाया। इस गाने के हिट होने के बाद कैलाश खेर की तलाश खत्म हुई, ये गाना उनका खूब पॉपुलर हुआ और सिंगर ने फिर कभी पलटकर नहीं देखा।

Prachi Chaudhary

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