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Kejriwal on Chinmoy Arrest: बांग्लादेश में चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी पर भड़के केजरीवाल, केंद्र सरकार से की ये मांग

दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बांग्लादेश सरकार द्वारा हिंदू संत चिन्मय दास की गिरफ्तारी की कड़ी निंदा की है। उन्होंने केंद्र सरकार से पूरे मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है।

Kejriwal on Chinmoy Arrest: बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद हिंदू समुदाय की स्थिति दिन-ब-दिन खराब होती जा रही है। इस बीच कल ढाका में इस्कॉन के प्रमुख नेताओं में से एक चिन्मय कृष्ण दास को गिरफ्तार कर लिया गया। इसके बाद से शास्त्री की गिरफ्तारी की निंदा हो रही है। आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने नाराजगी जताते हुए इस घटना को अन्यायपूर्ण बताया है।

अरविंद केजरीवाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए लिखा कि, पूरा देश संत चिन्मय कृष्ण दास जी के साथ एकजुटता से खड़ा है, जिन्हें बांग्लादेश में अन्यायपूर्ण तरीके से गिरफ्तार किया गया है। मैं केंद्र सरकार से अपील करता हूं कि इस मामले में हस्तक्षेप करें और चिन्मयदास जी को जल्द से जल्द रिहा करें।

https://twitter.com/ArvindKejriwal/status/1861616120832180577?t=m5r0-TpYMAUz0PPtFxvN7w&s=19

भारत सरकार ने जताई नाराजगी

भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने भी इस पर नाराजगी जताई है। विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि हिंदुओं पर हमला करने वाले बेखौफ घूम रहे हैं, जबकि हिंदुओं के लिए सुरक्षा के अधिकार की मांग करने वाले हिंदू नेताओं को जेल में डाला जा रहा है। भारत के विदेश मंत्रालय के बयान पर बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने नाराजगी जताई और कहा कि यह उनका आंतरिक मामला है।

इस्कॉन ने किया अपना बयान जारी

इस्कॉन ने कहा कि चिन्मय कृष्ण दास और सनातन धर्म के लोगों को बांग्लादेश के नागरिक के तौर पर न्याय पाने का अधिकार है। हमारे खिलाफ किसी भी तरह का भेदभाव बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। आपको बता दें कि इस दौरान इस्कॉन बांग्लादेश ने बांग्लादेश सरकार से तीन मांगें की हैं, चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी पर इस्कॉन ने ट्वीट किया- ”हमें परेशान करने वाली खबर मिली है कि इस्कॉन बांग्लादेश के प्रमुख नेताओं में से एक चिन्मय कृष्ण दास को ढाका पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। इस्कॉन का दुनिया में कहीं भी आतंकवाद से कोई लेना-देना नहीं है। इस संबंध में निराधार आरोप लगाना अपमानजनक है।”

इस्कॉन ने कहा कि हम सरकार से अपील करते हैं कि ऐसा माहौल बनाया जाए जिसमें सभी वर्गों के लोग एक साथ शांति से रह सकें। इस्कॉन ने कहा कि चिन्मय कृष्ण दास प्रभु बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के अधिकारों को लेकर काफी मुखर रहे हैं और सरकार को नागरिकों के अधिकारों की सुरक्षा भी सुनिश्चित करनी चाहिए। इस्कॉन ने सरकार के सामने कुछ मांगें रखी हैं, जिनमें सनातन धर्म के लोगों पर हमले के दोषियों के खिलाफ कार्रवाई, चिन्मय कृष्ण दास और अन्य सनातनियों के अधिकारों की सुरक्षा और देश में शांति और सद्भाव स्थापित करने के लिए तत्काल कदम उठाना शामिल है।

चिन्मय दास पर क्या आरोप हैं?

ढाका पुलिस ने कहा है कि चिन्मय दास को उसके खिलाफ दर्ज शिकायत के आधार पर गिरफ्तार किया गया है। दास पर बांग्लादेश के राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करने का आरोप है। ये आरोप चिन्मय दास पर बीएनपी के पूर्व नेता फिरोज खान ने लगाए हैं। खान ने आरोप लगाया था कि 25 अक्टूबर को चटगांव में हिंदू समुदाय की एक रैली आयोजित की गई थी।

यहीं पर चिन्मय दास और 18 अन्य लोगों ने बांग्लादेश के राष्ट्रीय ध्वज का अपमान किया था। हालांकि, दिलचस्प बात यह है कि उस समय बीएनपी के नेता रहे फिरोज खान को पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में कुछ दिनों बाद बीएनपी से निकाल दिया गया था। इस बीच पुलिस ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है और दो लोगों को गिरफ्तार किया है।

Written By। Chanchal Gole। National Desk। Delhi

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