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BSP Party News Update Loksabha election: जानिए बसपा का हाल ,दस में से पांच सांसद पार्टी छोड़ गए

BSP Party News Update Loksabha election: बसपा इस बार अकेले चुनावी मैदान में है। वह न तो एनडीए के साथ है और न ही इंडिया गठबंधन के साथ। पिछले चुनाव में बसपा सपा के साथ मिलकर लोकसभा चुनाव लड़ी थी और उसे दस सीटों पर जीत हासिल हुई थी। लेकिन सबसे बड़ी बात तो यह है कि बसपा के दस सांसदों में से पांच सांसद पार्टी छोड़ चुके हैं और वे किसी और दल के साथ जा चुके हैं। ऐसे में बसपा के साथ भी कई तरह की चुनौती है। इस चुनाव में बसपा का क्या होगा यह भी देखने की बात होगी। बसपा यूपी समेत देश के कई राज्यों में पूरी ताकत के साथ चुनावी मैदान में खड़ी है।
यूपी में बसपा को आज फिर एक बड़ा झटका लगा। बसपा सांसद मलूक नागर पार्टी छोड़कर रालोद के साथ चले गए। नागर आज जयंत चौधरी के घर पहुंचे और रालोद की सदस्यता ग्रहण कर ली है। हालांकि नागर काफी समय से जयंत के नजदीक थे और इस बात की सम्भावना तब से बढ़ गई थी कि वे बसपा छोड़ सकते हैं। नागर बसपा के पांचवे सांसद हैं जिन्होंने चुना से ठीक पहले बसपा को छोड़ा है।
यूपी में लोकसभा की 80 सीटें है। 2019 के चुनाव में मायावती और अखिलेश यादव मिलकर चुनाव लड़े थे। उस चुनाव में सपा को तो पांच सीटों पर ही जीत हासिल हुई लेकिन बसपा की झोली में दस सीटें चली गई। बसपा की यह बड़ी जीत मानी गई। बसपा ने जिन सीटों पर जीत हासिल की उनमे गाजीपुर सीट से अफजल अंसारी जीते थे। लालगंज से संगीता आजाद ,नगीना से गिरीश चंद्र ,अमरोहा से दानिश अली ,बिजनौर से मलूक नागर ,आंबेडकर नगर से रितेश पांडेय ,घोसी से अतुल राय सहारनपुर से हाजी फजलुर्रहमान ,श्रावस्ती से राम शिरोमणि वर्मा और जौनपुर से श्याम सिंह यादव चुनाव जीतकर संसद पहुंचे थे।
लेकिन अभी तक बसपा के पांच सांसद दूसरे कई दलों में जा चुके हैं। संगीता आजाद और रितेश पांडेय बीजेपी के साथ चले गए हैं ऋतष पांडेय को बीजेपी ने इस बार आंबेडकर नगर से उम्मीदवार भी बनाया है। दानिश अली कांग्रेस में चले गए हैं। दानिश को कांग्रेस ने अमरोहा से उम्मीदवार बनाया है। दानिश को बसपा ने पार्टी से हटा भी दिया था। पार्टी के खिलाफ काम करने का इल्जाम बसपा ने लगाया था।
उधर मुख्तार अंसारी के भाई अफजल अंसारी अब सपा में चले गए हैं। गाजीपुर सीट से सपा ने उन्हें टिकट दिया है। अब मलूकनागर कहाँ से चुनाव लड़ेंगे यह अभी साफ़ नहीं हुआ है। मलूक नागर बिजनौर से जीत कर आये थे ,लेकिन रालोद ने बिजनौर से पहले अपना उम्मीदवार उतार दिया है। चन्दन चौहान वहां से रालोद के उम्मीदवार हैं। बसपा ने बिजनौर से चौधरी बिजेंद्र सिंह को उम्मीदवार बनाया है। बसपा जाट वोट को पाने के लिए चौधरी को मैदान में खड़ा किया है। लेकिन अब मलूक नगर कहाँ से चुनाव लड़ेंगे यह कोई साफ़ नहीं है।
उधर बसपा ने श्रावस्ती वाले अपने सांसद राम शिरोमणि वर्मा को पार्टी से निकाल दिया है। अब वर्मा की अगली राजनीति क्या होगी यह भी देखने की बात होगी।
सहारनपुर से सांसद रहे हाजी फजलुर्रहमान को बसपा ने इस बार टिकट नहीं दिया है। यहाँ से मजीद अली को बसपा ने उम्मीदवार बनाया है। मजीद अली चुनावी राजनीति में पहली बार मैदान में हैं। जौनपुर से सांसद रहे श्याम सिंह यादव को भी बसपा ने इस बार टिकट नहीं दिया है। उन्हें कांग्रेस में जाने की सम्भावना थी। उन्होंने राहुल गाँधी से मुलाकात भी की थी। वे भारत जोड़ो यात्रा में भी शामिल हुए थे। लेकिन अभी तक उनका क्या होगा यह साफ़ नहीं है। घोसी सांसद अतुल राय का टिकट भी बसपा ने इस बार काट दिया है। अतुल राय अधिकतर समय जेल में बिताते रहे हैं। बसपा ने अतुल राय की जगह बालकृष्ण चौहान को उम्मीदवार बनाया है। बालकृष्ण पहले कांग्रेस में थे। अब बसपा के साथ जुड़े हैं।
कुलमिलाकर बसपा की राजनीति इस बार क्या होगी इसे भी देखने की बात होगी। यूपी में बीजेपी ने सभी सेटों पर जीत हासिल करने की तैयारी कर ली है। अगर बीजेपी ऐसा कर पाती है तो बसपा के साथ ही कई और दलों की कहानी ख़त्म हो सकती है। वैसे सपा इस बार बीजेपी को मजबूत टक्क्र दे रही है लेकिन परिणाम क्या होंगे यह तो चार जून को ही पता चलेगा।

Akhilesh Akhil

Political Editor

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