NITI Aayog Report: मिली जानकारी के मुताबिक देश में गरीबों की संख्या में बड़ी गिरावट दर्ज की गई। गरीबों का प्रतिशत वित्त वर्ष 2015-16 के 24.85% से घटकर 2019-21 में 14.96% पर आ गया है।
देश में 2015-16 से 2019-21 के बीच 13.5 करोड़ लोग गरीबी से बाहर आए है। 17 जुलाई यानि सोमवार को नीति आयोग (NITI Aayog Report) की ओर से रिपोर्ट जारी की गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इस दौरान उत्तर प्रदेश (uttar pradesh), बिहार, मध्य प्रदेश, ओडिशा और राजस्थान में गरीबों की संख्या में सबसे अधिक गिरावट दर्ज की गई है। नीति आयोग (Niti aayog) के उपाध्यक्ष सुमन बेरी ने राष्ट्रीय बहुआयामी गरीबी सूचकांक (National Multidimensional Poverty Index) एक प्रगति संबंधी समीक्षा 2023 रिपोर्ट जारी की।
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रिपोर्ट (NITI Aayog Report) के मुताबिक देश में गरीबों की संख्या में बड़ी गिरावट दर्ज की गई है। गरीबों का प्रतिशत वित्त वर्ष 2015-16 के 24.85 प्रतिशत पर आ गया है। राष्ट्रीय बहुआयामी गरीबी यानि एमपीआई स्वास्थ्य, शिक्षा और जीवनस्तर के आयामों में अभावों को मापता है। इन्हें 12 सतत विकार लक्ष्यों यानि एसडीजी से जुड़े संकेतकों से दर्शाया गया है।
गांवों की गरीबी घटी
रिपोर्ट के मुताबिक गरीबों की संख्या में सबसे ज्यादा गिरावट ग्रामीण क्षेत्रों में आई है। ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबों की संख्या 32.59% से घटकर 19.28% पर आ गई है। वहीं शहरी इलाकों में गरीबों की संख्या 8.65% से कम होकर 5.27% रह गई है।
समय से पहले हासिल हो जाएगा लक्ष्य
बता दें आंकड़ों के मुताबिक रिपोर्ट में आकलन है कि देश में साल 2030 की निर्धारित समयसीमा से पहले ही गरीबी को कम से कम आधा घटाने के लक्ष्य 1.2 को हासिल कर लिया जाएगा। नीति आयोग के मुताबिक सरकार के स्वच्छता, रसोई गैस, पोषण, पेयजल, वित्तीय समावेशन और बिजली तक पहुंच में सुधार पर ध्यान देने से इन क्षेत्रों में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है।
रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि MPI के सभी 12 मापदंड़ों में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। इसके अलावा पोषण अभियान, स्वच्छता और रसोई गैस तक पहुंचने के सुधार ने गरीबी घटाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
कौन से राज्य में गरीबी से बाहर आए लोग
- उत्तर प्रदेश 3.42 करोड़
- बिहार 2.25 करोड़
- झारखंड़ 50 लाख
- हरियाणा 14 लाख
- उत्तराखंड 9 लाख
- दिल्ली 2.1 लाख