मणिपुर को हालत लगातार बिगड़ती जा रही है । हर रोज हिंसक घटनाएं हो रही है और लोगों की जाने भी जा रही है ।स्थिति ये है कि कई गांव खाली हो गए हैं और लोग जान बचाकर भागते फिर रहे हैं । अब तक 60 हजार से ज्यादा लोग विस्थापित हो चुके है और ये पड़ोसी राज्यों में बने शरणार्थी कैंपों में समय काट रहे है ।खबर के मुताबिक कई शरणार्थी कैंपों की हालत इतनी खराब है कि वहां रहा नही जा सकता ।l
लेकीन जान की भाई से लोग रहने को अभिशप्त हैं ।
इस बीच मणिपुर में जारी हिंसा पर पूर्व सैन्य अधिकारियों ने चिंता व्यक्त की है और सरकार से आग्रह किया है कि वह मणिपुर की हालत को शीघ्र ठीक करे ।पूर्व सेना प्रमुख वेद प्रकाश मलिक ने सरकार से अपील करते हुए कहा है कि अगर शीघ्र इस समस्या का निदान नहीं होता तो हालत और भी खराब हो सकते हैं ।इसी तरह एक अन्य पूर्व सेना अधिकारी ने मणिपुर की समस्या को गंभीर बताया है ।उन्होंने कहा है कि जो हालत बन हुए है उससे मणिपुर के साथ ही पड़ोसी राज्यों में भी ये आग पहुंच सकती है ।पूर्वोत्तर राज्य काफी संवेदनशील है इसलिए मणिपुर की हिंसा को तुरंत रोकने की जरूरत है। बता दें कि मणिपुर में पिछले दो महीने से हिंसक घटनाएं हो रही है।
एक ही समाज के दो वर्गों के बीच खूनी खेल चल रहे हैं ।
अब तक इस घटना में डेढ़ सौ से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है ।जबकि सैकड़ों लोग गंभीर रूप से घायल है ।60 हजार से ज्यादा लोग विस्थापन के शिकार हुए है ।इस हिंसल लड़ाई में कई सुरक्षाकर्मियों ने भी अपनी शहादत दी है । मणिपुर से ही ताल्लुक रखने वाले पूर्व लेफ्टिनेंट जनरल निशिकांत सिंह ने ट्वीट का जरिए कहा है कि “मैं एक आम भारतीय हूं ।और रिटायर्ड जिंदगी जी रहा हूं ।राज्य में कानून व्यवस्था समाप्त हो चुकी है ।लोगो की जिंदगी और संपत्ति कभी भी किसी के द्वारा नष्ट की जा सकती है ।ऐसा लग रहा है कि मणिपुर को उसके हाल पर छोड़ दिया गया है ।क्या कोई सुन भी रहा है ?” पूर्व सेना प्रमुख वेद प्रकाश मलिक ने कहा है कि मणिपुर में कानून व्यवस्था पर शीघ्र ध्यान देने की जरूरत है।
वहां के कई सेना अधिकारी भी काफी दुखी हैं ।
मलिक ने अपने इस ट्वीट को पीएम मोदी गृहमंत्री शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को भी टैग किया है। बता दें कि मणिपुर में पिछले 3 मई को ट्राइबल सोलोडेरिटी मार्च के बाद हिंसा भड़क गई थी ।उसके बाद हिंसक घटनाएं घटती जा रही है ।बीच में गृह मंत्री शाह ने का दौरा भी किया था और शांति के उपाय भी किए लेकिन मणिपुर शांत नही हो सका।
वहां की कुकी आबादी सरकार पर आदिवासी विरोधी का आरोप लगा रही है ।कुकी समुदाय के लोग अलग राज्य की मांग भी कर रहे है ।और हद तो तब हो गई जब दो रोज पहले उग्रवादियों ने सुरक्षा के बीच एक केंद्रीय मंत्री के आवास में आग लगा दी ।