PM Modi: आज पीएम मोदी राजस्थान के सीकर पहुंचे और कई योजनाओं की शुरुआत की। पीएम मोदी (PM Modi) ने कहा कि राजस्थान के विकास में ये योजना मिल का पत्थर साबित होगी। लेकिन उनके भाषण में सबसे चर्चा का विषय बना इंडिया पर हमला। उन्होंने विपक्षी गठबंधन इंडिया पर जमकर हमला किया और इतिहास का उदाहरण भी दिया। पीएम मोदी ने कहा कि इंदिरा गांधी के जमाने में इंडिया इज इंदिरा और इंदिरा इज इंडिया के नारे लगते थे। उसका क्या हश्र हुआ यह सबको पता है। अब जो ये गठबंधन बना है उसका भी वही हश्र होगा।
प्रधानमंत्री मोदी इंडिया वाले विपक्षी दलों से खासे नाराज लग रहे हैं। उन्हें लग रहा है कि पहली बार उन्हें बड़ी चुनौती मिलने वाली है। बीजेपी के लोगों को यह भी लग रहा है कि अगर सत्ता की अदला-बदली हो गई तो आगे का खेला बड़ा ही खतरनाक हो सकता है। पीएम मोदी (PM Modi) लगातार इंडिया पर हमला बोल रहे हैं। बता दें कि अभी हाल में ही देश की 26 विपक्षी पार्टियों ने मिलकर एक गठबंधन तैयार किया है। उसका नाम रखा गया है-इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायन्स यानी इंडिया। जब से यह गठबंधन तैयार हुआ है बीजेपी के लोग वार कर रहे हैं।
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खुद पीएम मोदी पर इस गठबंधन पर कई हमले कर चुके हैं। इसकी तुलना कई आतंकी संगठन से भी कर चुके हैं। इसी कड़ी में पीएम मोदी ने सीकर में कहा कि इन लोगों में अहंकार भरा हुआ है। एक बार इन्होंने नारा दिया था कि इंडिया इज इंदिरा और इंदिरा इज इंडिया। तब देश की जनता ने इसका हिसाब चुकता कर दिया था। इन्हें उखाड़ फेंका था। अब फिर से इन लोगों ने वही पाप दोहराया है। पहले ये कहते थे यूपीए इज इंडिया और इंडिया इज यूपीए। जनता ने इन्हे उखाड़ फेंका और इंडिया की बारी है।
बता दें कि आज से पांच दशक पहले इंडिया इज इंदिरा का नारा लगा था। यह नारा 1975 से पहले कांग्रेस के तत्कालीन अध्यक्ष देवकांत बरुआ ने लगाया था। बरुआ असम के बड़े कोंग्रेसी नेता थे वे बिहार के भी राज्यपाल रह चुके थे। बरुआ की आज पहचान उसी नारे को लेकर बनी हुई है। वह इंदिरा गांधी के भक्त थे। चमचा भी कह सकते हैं। वे इंदिरा गांधी के बड़े चापलूस थे जैसे आज भी बहुत से लोग मोदी के चापलूस हैं। कह सकते हैं कि अंधभक्त।
पीएम मोदी (PM Modi) ने कहा कि आज इस इंडिया में भी कई बरुआ जैसे लोग हैं। लेकिन जनता सब देख रही है, जनता को किसी का घमंड देखा नहीं जाता। वह बदला लेती है। और जनता बदला लेती है तो कोई कहीं टिकता नहीं। इंडिया का हश्र भी अगले चुनाव में वही होगा जैसा कि बरुआ के नारे का हुआ था। इंदिरा की हार हुई थी। अब फिर से इस गठबंधन की हार होगी।