Nishikant Dubey v/s Mahua Moitra! सांसद पैसे लेकर संसद में सवाल पूछते हैं। यह कोई नई बात तो है नही ।संसद में आपराधिक चरित्र के लोग पहुंचते है इसकी जानकारी भी देश और दुनिया को है। संसद और विधान सभाओं में हर वेराइटी के लोग पहुंचते हैं और देश को जनता उसे नेता मानती है क्योंकि वे सभी जनता के वोट से चुने जाते हैं ।वोट लेने के लिए नेता जनता के पैर पर गिरते है ,माफी मांगते है ,झूठा वादा करते है ,जनता को घूस भी देते है , जाति,धर्म ,ताकत का भी सहारा लेते है ।जनता तो पहले से ही जानती है कि नेता रूपी ये जीव एक नंबर के ठग और जालिम है ।यह मौके का यार है ।
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खेल देखिए ।ये नेता रूपी जीव सभी पार्टियों में शामिल है ।पार्टी लोकतंत्र के नाम पर समाज और देश को आगे बढ़ाने के लिए बनाई जाती है लेकिन मौजूदा समय में जो पार्टियां देश में चल रही है उसे अभद्र भाषा में एएसपी गिरोह कह सकते है और भद्र भाषा में इसे कॉरपोरेट कंपनी ।वही कॉरपोरेट जिसकी आधारशिला ही लाभ पर टिकी होती है ।व्यापारी कंपनियों के लाभ पैसे और संपत्ति पर टिकी होती है लेकिन नेताओं के कभी सत्ता ,पावर और पैसे पर टिकी होती है ।
कमाल को बात है कि देश के अधिकतर नेता कम पढ़े लिखे होते हैं। मतलब ये कि वे ज्यादा ज्ञानी नही होते। सर्टिफिकेट धारक होते हैं । बहुत से नेताओं के सर्टिफिकेट नकली होते है। ये नेता किसी प्रतियोगिता के लायक नही होते। ये किसी परीक्षा ले लायक भी नहीं होते ।ये विचित्र जीव होते है। दिन में ये एक दूसरे पर हमला करते हैं और अंधेरे में गले मिलते हैं ।सत्ता पक्ष पूरा मसल खाता है और विपक्ष को कौरा मिलता है।किसी भी विपक्षी सांसदों का कभी कोई काम नहीं रुकता।मंत्री जी सबसे पहले उसी का काम करते है ।यह एक एहसान होता है ।बाद में जब सत्ता उसे मिलती है तह इस एहसान को चुकाना होता है ।इसी तरह के बहुत से खेल है। बहुत कुछ जनता जानती भी है और कुछ नही भी जानती।
आरोप है की टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने घुस खाकर संसद में सवाल लिया ।बीजेपी के निशिकांत दुबे ने यह आरोप लगाया है ।लोकसभा स्पीकर को एक पत्र लिखकर महुआ के खिलाफ कारवाई की मांग की गई है। संसद ने इस मामले को इथिक्स कमेटी को भेजा है और कमेटी महुआ से पूछताछ करेगी ।बड़ा ही विचित्र मामला है। बीजेपी के लोग इस पर फुदक रहे है ।दुबे ने आरोप लगाया है ।लेकिन उसी दुबे पर महुआ ने भी नकली और फर्जी सर्टिफिकेट रखने के आरोप महुआ पहले ही लगा चुकी है ।उस पर अभी तक कोई कारवाई नही हुई।
अब जिस व्यापारी आदर्श हीरानंदानी से पैसे लेकर महुआ ने अड़ने के बारे में सवाल किया वह व्यापारी अब सकती गवाह बन गया है । अब वह बहुत कुछ कह भी रहा है ।वह यह भी कह रहा है कि अडानी को बदनाम करने के लिए उसने महुआ का इस्तेमाल किया ।उसे की तरह के गिफ्ट दिए और अपने सवाल पुछवाए । कोई व्यापारी कितना गिर सकता है उसकी जानकारी इसी से लग सकती है ।हो सकता है यह सब बीजेपी की एक चाल हो ।महुआ ने काफी सवाल अडानी के बारे में पूछे थे ।मोदी सरकार को घेरा भी था ।यह सन उसी का परिणाम जो है।
अब महुआ भी हमलावर है ।उसने बीजेपी के कि नेताओं पर मामला भी दर्ज किया है ।आगे क्या कुछ होता है इसे देखते रहिए ।अपना कोई मन मत बनाइए ।राजनीति पाखंड का नाम है ।सभी दलों में पाखंड है ।पाखंड के बिना राजनीति की कल्पना भी नहीं की जा सकती । निशिकांत दुबे को भी अभी सोने बारे में जवाब देने बाकी है ।