Jagannath Rath Yatra 2035: भगवान जगन्नाथ का स्नान पर्व आज, जानें कब निकलेगी रथयात्रा
पूर्णिमा के दिन भगवान जगन्नाथ को 108 घड़ों से जल चढ़ाया जाता है। यह जल मंदिर के पास स्थित स्वर्ण कुआं (सोनाकुंड) से लाया जाता है। स्नान के बाद भगवान को 'हाती बेसा' (गज रूप) में सजाया जाता है, जिसमें उन्हें गज (हाथी) की तरह सजाया जाता है।
Jagannath Rath Yatra 2025: पुरी धाम में आस्था, भक्ति और उत्साह के महासंगम के रूप में हर साल सामने आने वाली भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा का पहला चरण आज से शुरू हो गया है। रथयात्रा से पहले सबसे महत्वपूर्ण आयोजन स्नान पूर्णिमा का पर्व होता है, जो आज, 11 जून 2025 को पूरे विधि-विधान और पारंपरिक रीति-रिवाज के साथ मनाया जा रहा है।
इस अवसर पर भगवान जगन्नाथ, उनके बड़े भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा को जलाभिषेक (स्नान) कराया जाता है। इस स्नान को ‘स्नान यात्रा’ कहा जाता है, जो आषाढ़ महीने की पूर्णिमा के दिन होती है। इस उत्सव को देखने और भगवान के इस दुर्लभ स्वरूप के दर्शन करने के लिए लाखों श्रद्धालु पुरी में एकत्रित होते हैं।
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स्नान यात्रा का क्या महत्व है?
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार स्नान पूर्णिमा के दिन भगवान जगन्नाथ को 108 घड़ों से जल चढ़ाया जाता है। यह जल मंदिर के पास स्थित स्वर्ण कुआं (सोनाकुंड) से लाया जाता है। स्नान के बाद भगवान को ‘हाती बेसा’ (गज रूप) में सजाया जाता है, जिसमें उन्हें गज (हाथी) की तरह सजाया जाता है। यह रूप आम लोगों के लिए केवल एक दिन के लिए ही दर्शन के लिए उपलब्ध होता है।
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स्नान के बाद ‘अनासर काल’
स्नान यात्रा के बाद भगवान जगन्नाथ बीमार पड़ जाते हैं, जिसे ‘अनासर काल’ कहा जाता है। इस दौरान देवता को सार्वजनिक दर्शन के लिए नहीं रखा जाता है। पुजारी उन्हें विशेष औषधियों और आयुर्वेदिक उपचारों से ठीक करते हैं। यह अवधि करीब 15 दिनों तक चलती है।
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आज होगा भगवान जगन्नाथ का स्नान
इस बार स्नान पूर्णिमा का आयोजन ज्येष्ठ शुक्ल पूर्णिमा के दिन 11 जून बुधवार को किया जा रहा है। यह विशेष पूजा सुबह 6:00 बजे से शुरू होकर रात 10:00 बजे तक चलेगी। मान्यता है कि स्नान के बाद भगवान जगन्नाथ बीमार पड़ जाते हैं और इसी परंपरा के अनुसार भगवान को 14 दिनों तक अकेले रखा जाता है। इस साल 12 जून से 25 जून तक भगवान को एकांत कमरे में विराजमान किया जाएगा, जहां उन्हें विशेष जड़ी-बूटी खिलाई जाएगी और गर्म कपड़े पहनाए जाएंगे। इस दौरान मंदिर के कपाट बंद रहेंगे और आम लोग दर्शन नहीं कर पाएंगे।
रथ यात्रा कब होगी शुरू?
जगन्नाथ रथ यात्रा, गुरुवार 26 जून 2025 से शुरू होगी। इस दिन भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा अपने विशाल रथों पर सवार होकर श्रीमंदिर से निकलकर गुंडिचा मंदिर की ओर प्रस्थान करेंगे। रथ यात्रा का यह उत्सव आस्था, एकता और सांस्कृतिक सद्भाव का प्रतीक माना जाता है।
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