Madhavi Raje Scindia’s Death: माधवी राजे सिंधिया ने दिल्ली के एम्स अस्पताल में ली अपनी आखिरी सांस
Madhavi Raje Scindia’s Death: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के ग्वालियर राजघराने (Gwalior Royal Family) से बहुत बड़ी खबर सामने आ रही है। ग्वालियर राजघराना और ज्योतिरादित्य सिंधिया पर दुख का पहाड़ टूट पड़ा है। खबर है कि बुधवार 15 मई को माधवी राजे सिंधिया का निधन हो गया है। माधवी राजे सिंधिया ग्वालियर राजघराने की राजमाता भी थी और ज्योतिरादित्य सिंधिया की मां भी। जिसके बाद पूरा ग्वालियर शोक में डूब गया है।
बताया जा रहा है की जिस वक्त माधवी राजे सिंधिया ने अपनी आखिरी सांस ली, उस वक्त वे दिल्ली के एम्स अस्पताल में भर्ती थी। बीते कई दिनों से दिल्ली के एम्स अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। माधवी राजे सिंधिया ग्वालियर राजघराने की राजमाता और ज्योतिरादित्य सिंधिया की मां तो थी ही। साथ ही उनका अपना भी एक रसुख था, वो अपने आप में भी एक बहुत बड़ी शख्सियत थीं।
माधवी राजे सिंधिया नेपाल के राजवंश की थी राजकुमारी
नेपाल के राणा राजवंश की राजकुमारी थीं, ज्योतिरादित्य सिंधिया की मां माधवी राजे सिंधिया। माधवी राजे सिंधिया के दादा नेपाल के राणा राजवंश के प्रमुख थे, जिनका नाम जुद्ध शमशेर जंग बहादुर राणा था। माधवी राजे सिंधिया के दादा जुद्ध शमशेर जंग बहादुर राणा नेपाल के प्रधानमंत्री भी रह चुके थे। माधवी राजे सिंधिया की शादी ग्वालियर के तत्कालीन महाराजा माधव राव सिंधिया के साथ, 8 मई सन् 1966 में हुई थीं।
उस समय भी यह शादी हर तरफ चर्चा में बनी हुई थी, और इस शादी ने बहुत सुर्खियां बटोरी थी। ऐसा इसलिए, क्योंकि महाराज माधव राव ट्रेन से बारात ग्वालियर से दिल्ली लेकर पहुंचे थे। शादी से पहले माधवी राजे सिंधिया नाम किरण राज लक्ष्मी हुआ करता था, लेकिन ग्वालियर राजघराने की परंपरा को ध्यान में रखते हुए उनका नाम माधवी राजे सिंधिया रख दिया गया। अपने पति माधव राव सिंधिया की मृत्यु के बाद माधवी राजे सिंधिया ग्वालियर राजघराने की सबसे बड़ी सदस्य थीं।
ट्रेन से दिल्ली आई थी माधवी राजे सिंधिया की बारात
सन् 1966 में हुई इस शादी ने दुनिया भर में बहुत सुर्खियों बटोरी थी, यह किस्सा जुड़ा है महाराज माधव राव और राजकुमारी किरण राज लक्ष्मी की शादी तय होने के बाद के समय से। ऐसा कहा जाता है कि माधव राव सिंधिया ने सिर्फ एक तस्वीर देखकर ही किरण राज लक्ष्मी से शादी के लिए हां कर दी थी। वह शादी से पहले ही किरण राज लक्ष्मी से मुलाकात करना चाहते थे। लेकिन परिवार की बंदिशों के कारण ऐसा संभव न हो सका। वहीं माधव राव सिंधिया काफी बड़ी संख्या में बारातियों को ग्वालियर से दिल्ली लेकर पहुंचे थे, जिसके लिए ग्वालियर से दिल्ली के लिए स्पेशल ट्रेन चलाई गई थी।