महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी जी सनातन धर्म और हिंदू समाज की रक्षा के लिए अपने शिष्यों संग करेंगे कावंड़ यात्रा
Kawad Yatra: शिवशक्ति धाम डासना में पीठाधीश्वर व श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी जी (Mahamandaleshwar Yeti Narasimhanand Giri) ने अपने अंतिम समय में सनातन धर्म व हिंदू समाज की रक्षा के लिये स्वयं को मां और देवों के देव महादेव को समर्पित करने का निर्णय लिया है।
महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी जी महाराज (Kawad Yatra) ने अपने जीवन का बहुत लंबा समय इस्लाम के जिहाद से लड़ने में लगाया परन्तु इस्लाम का ज़िहाद दिन प्रतिदिन मजबूत और हिंदू समाज कमजोर ही होता चला गया। आज स्थिति ये है कि हिंदुओं के पक्ष में लड़ने के लिए कोई स्थापित नेता, धर्मगुरु या संगठन नहीं है।वस्तुतः हिंदू समाज स्वयं ही अपनी रक्षा की ओर से पूर्ण रूप से उदासीन हो चुका है और किंकर्तव्यविमूढ़ होकर स्वयं को सर्वनाश की ओर जाते हुए देख रहा है।
ऐसी परिस्थितियों में महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी जी का मानना है कि अब कोई मानवीय शक्ति सनातन धर्म (Kawad Yatra 2023) और हिंदू समाज की रक्षा नहीं कर सकती। अब तो केवल देवाधिदेव भगवान महादेव शिव और जगद्जननी मां जगदम्बा ही हिंदुओं को सद्बुद्धि देकर हिंदुओं को बचा सकते हैं।
इसलिए अब वो अपना बचा हुआ जीवन और शक्ति मां और महादेव की उपासना में लगाना चाहते है। महादेव को प्रसन्न करने के लिए उन्होंने निर्णय लिया कि जब तक उनका शरीर है तब तक वह प्रतिवर्ष दो बार कांवड़ लाया करेंगे ताकि महादेव उनसे प्रसन्न होकर सनातन धर्म और हिंदू समाज की रक्षा के लिए हिंदुओं को सद्बुद्धि प्रदान करके कायरता,अकर्मण्यता से दूर करके उन्हें पौरुष, पुरुषार्थ व पराक्रम प्रदान करें।
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इस बार कांवड़ यात्रा (Kawad Yatra 2023) में महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी जी महाराज के साथ उनकी शिष्य मण्डली में बीस सन्त और चालीस पूर्व सैनिक भी सम्मिलित होंगे। यति सन्यासियों की पूरी मंडली जिसमे यति सत्यदेवानंद, यति निर्भयानंद, यति कृष्णानंद, यति असीमानंद,यति रामस्वरूपनन्द तथा अन्य सन्यासी हैं, उन्होंने भी कांवड़ लाने का संकल्प लिया।