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Madarsa में मिली बड़ी खामियां, 1921 से नहीं कराया मदरसे का नवीनीकरण

Madarsa : यूपी में चल रहे गैर सहायता प्राप्त मदरसों पर लगाम लगाने का काम शुरु हो गया है। CM Yagi Adityanath इस मामले को लेकर बेहद सख्त तेवर अख्तियार किये हुए हैं। ऐसे मदरसे के सर्वे (Madarsa Survey) बिजनौर में भी हो रहे हैं।मंगलवार को यहां मदरसों के सर्वे की शुरूआत हुई। अल्पसंख्यक विभाग के अफसरों ने तीन मदरसों का सर्वे किया है। सर्वे टीम को जांच में कई तरह की खामियां देखने को मिलीं।

जांच में कई तरह की खामियां देखने को मिलीं

शहर स्थित मदरसे अंजुमन खादिमुल यतामा वल मदारिस से जांच की शुरु हुई। Madarsa Survey अफसरों ने जाँच पड़ताल में पाया कि 1921 से चल रहे मदरसे की मान्यता थी, लेकिन इसका नवीनीकरण नहीं कराया। अल्पसंख्यक अधिकारी नौशाद हुसैन ने बताया कि Madrassa Survey में पाया गया कि मदरसों में उर्दू की तालीम दी जा रही है। जबकि हिंदी मीडियम की शिक्षा से मदरसों के बच्चों को दूर रखा जा रहा है।

बिजनौर में मदरसे की जांच करते अल्प संख्यक विभाग के अधिकारी

दूसरे मदरसे में पहुँची टीम ने मदरसा जामिया इस्लाहुल बनात में सर्वे में पाया कि वह कई सालों से लेडीज़ मदरसा बिना मान्यता के चल रहा है। तीसरा मदरसे में पहुँची टीम फैज़ुल उलूम में भी सालों से चल रहे मदरसे में 250 बच्चे मदरसे में पढ़ रहे हैं। लेकिन उसके बावजूद उसको मान्यता नहीं थी।

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बता दें कि योगी सरकार (Yogi Government) ने उत्तर प्रदेश में चल रहे ग़ैर सहायता प्राप्त मदरसों का सर्वे कराने का फरमान जारी किया था। यह सर्वे 10 सितम्बर से शुरु हुए हैं और जनपद के अधिकरियों को शासन को 25 अक्टूबर तक रिपोर्ट लखनऊ भेजनी है।

शासनादेश पर हो रहे Madrassa Survey बिजनौर के प्रशासनिक अफसर कर रहे हैं। अल्पसंख्यक विभाग के अफसरों ने मंगलवार को पहले दिन तीन मदरसों के सर्वे की जाँच पड़ताल शुरू कर दी है ।

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Team News Watch India

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