Mamata Banerjee on OBC Reservation: कलकत्ता हाईकोर्ट ने तृणमूल कांग्रेस शासन (Trinamool Congress Rule) के तहत 2011 से बंगाल में जारी किए गए अन्य पिछड़ा वर्ग (Other Backward Classes – OBC) के सभी प्रमाणपत्रों (Certifications) को “अवैध” करार देते हुए रद्द कर दिया है। हालांकि, न्यायालय ने कहा कि इससे वर्तमान में नौकरी या शैक्षणिक संस्थानों में सीटें (Seats in Educational Institutions) रखने वाले लोगों या जाति प्रमाणपत्र (Caste Certificate) के साथ आवेदन करने वालों पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि, वह इस आदेश को “स्वीकार नहीं करेंगी”, जो “तपशिली समुदाय को दिए गए अधिकारों को छीन लेगा।”
न्यायालय ने 2012 में लागू हुए राज्य सरकार के एक नए कानून के तहत कई समुदायों के लिए अन्य पिछड़ा वर्ग के रूप में आरक्षण (Reservation) को रद्द कर दिया। हालांकि, न्यायमूर्ति तपब्रत चक्रवर्ती (Justice Tapabrata Chakraborty) और न्यायमूर्ति राजशेखर मंथा (Justice Rajasekhar Mantha) ने कहा कि 2010 से पहले ओबीसी की 66 श्रेणियों को वर्गीकृत (Classified) करने वाले राज्य सरकार के कार्यकारी आदेशों (Executive Orders) में हस्तक्षेप नहीं किया गया है, क्योंकि मामले में दायर याचिकाओं में इन्हें चुनौती नहीं दी गई थी।
ममता बनर्जी ने कहा, “पीएम नरेंद्र मोदी ने दावा किया था कि जीतने के बाद मुसलमान तपशीली (Muslim Tapashilis) के लिए आरक्षण रद्द कर देंगे। यह फिर से एक विभाजनकारी एजेंडा था। और यही उन्होंने आज अदालत से करवाया। मैं अदालतों का सम्मान करती हूं। लेकिन मैं उस फैसले को स्वीकार नहीं करती, जिसमें कहा गया है कि मुसलमानों को ओबीसी आरक्षण से बाहर रखा जाना चाहिए। ओबीसी आरक्षण जारी रहेगा। अगर जरूरत पड़ी तो हम हाई कोर्ट जाएंगे।”
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि, पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा शुरू किया गया ओबीसी आरक्षण कोटा जारी रहेगा। साथ ही उन्होंने कहा, “हमने घर-घर जाकर सर्वे करके बिल का मसौदा (Contract) तैयार किया था और इसे कैबिनेट (Cabinet) और विधानसभा (Assembly) ने पास किया था… भाजपा ने इसे रोकने की साजिश रची थी, लेकिन वे अदालत में हार गए।” हाईकोर्ट के कुछ जजों पर निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, “एक जज कह रहा है, ‘मैं आरएसएस का व्यक्ति हूं’, दूसरा बीजेपी में शामिल हो गया… आप इस तरह से जज कैसे हो सकते हैं और अदालतों की अध्यक्षता कैसे कर सकते हैं?”
वरिष्ठ पार्टी नेता और सुश्री बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी ने भी आरोप लगाया कि अदालत का फैसला तपशीली समुदाय के लिए आरक्षण को रद्द करने के भाजपा के प्रयासों का हिस्सा है।
केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने ममता बनर्जी की टिप्पणियों की धज्जियां उड़ाई। अमित शाह ने कहा “ममता जी ने कहा कि, हम हाईकोर्ट के फैसले को स्वीकार नहीं करते।’ मैं बंगाल के लोगों से पूछना चाहता हूं – क्या ऐसा कोई मुख्यमंत्री हो सकता है जो कोर्ट के आदेश को मानने से इनकार कर दे?”
केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने कहा, “ममता बनर्जी ने बिना किसी सर्वेक्षण के 118 मुस्लिम जातियों को ओबीसी आरक्षण दे दिया। कोई अदालत चला गया… ममता बनर्जी अपने वोट बैंक के लिए पिछड़े वर्गों के आरक्षण को लूटना चाहती हैं और उस आरक्षण को मुस्लिम जातियों को देना चाहती हैं।”