Mandal Vs Kamandal: 2024 में लोकसभा के चुनाव होने वाले हैं,जिसके लिए सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ही वोटरों को साधने के लिए तमाम तरह की कोशिश कर रहे हैं, इन्ही कोशिशों के बीच एक बार फिर से सुगबुगाहट शुरू हो गई है कि इस चुनाव में मंडल की राजनीति फिर से लौटने वाली है। दरअसल आपको बता दें कि बिहार में जाति सर्वेक्षण के आंकड़ों से प्रतिनिधित्व और आरक्षण, कोटा और एफर्मेटिव एक्शन पर बहस का रूप ऐसा बदल गया है जिसे बदलना बहुत मुश्किल होगा। बिहार के सीएम नीतीश कुमार के राज्य में ‘कास्ट’ कोटा बढ़ाने का विधेयक पेश करने के वादे का बिहार ही नहीं बल्कि देश की अर्थव्यवस्था, समाज और सबसे ऊपर राजनीति पर दूरगामी प्रभाव पड़ेगा।लेकिन नीतीश और लालू की पार्टी इसके जरिए 24 का चुनाव साधने की कोशिश कर रही है।
बिहार में मौजूदा समय में OBC और EBC को 30% आरक्षण मिलता है। इसमें 18% OBC और 12% EBC का कोटा है. यानी, अब नीतीश सरकार ने इनका कोटा 13% और बढ़ा दिया है.। SC का कोटा 16% से बढ़ाकर 20% कर दिया है. ST का कोटा 1% से बढ़ाकर 2% किए जाने का प्रस्ताव सरकार की ओर से दिया गया है।बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लोकसभा चुनाव से पहले बड़ा दांव चलते हुए 75 फीसदी आरक्षण को मंजूरी दे दी और ये विधानसभा में सर्वसम्मति से पास भी हो गया। RJD और JDU इसी का लाभ लेने की पूरी कोशिश में हैं। INDIA गठबंधन को जाति की राजनीति के बल पर फिर से राजनीतिक जमीन और सत्ता हासिल करने की बहुत उम्मीद है। विपक्षी गठबंधन को लग रहा है कि जाति के रूप में उसे हिंदुत्ववादी ताकतों के खिलाफ बड़ा हथियार हासिल हो गया है। इसीलिए विपक्ष के ज्यादातर नेता जाति जनगणना औऱ पिछड़े वर्ग को लेकर बयान बाजी कर रहे हैं। जबलपुर में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने OBC के बहाने पीएम मोदी पर निशाना साधा है।राहुल गांधी ने कहा हर भाषण में मोदी जी कहते हैं मैं obc हूँ, लेकिन जब मैंने कहा की पता लगाना है आदिवासी कितने हैं obc कितने हैं तो मोदी कहते हैं मुझे पता नहीं है।
बिहार के सीएम नीतीश कुमार पिछड़ी जाति के मसीहा के तौर पर खुद को पेश करने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन कोशिश पर तब पानी फिरता दिखा जब बिहार विधानसभा में उन्होंने मर्यादा की हद पार कर दी।दरअसल, चर्चा के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने बिहार में हुई जातिगत जनगणना पर सवाल उठाए थे। बस फिर क्या था नीतीश मांझी पर भड़क गए और मांझी को मुख्यमंत्री बनाने के अपने फैसले को भूल बताया।
नीतीश बाबू ने कहा कि इनको कुछ आइडिया है। ये तो मेरी गलती थी कि इस आदमी को मैंने बना दिया था मुख्यमंत्री। ये कोई सेंस नहीं है इसको। ऐसे ही बोलता रहता है, कोई मतलब नहीं है। नीतीश कुमार के इस बयान को जीतनराम मांझी ने दलितों का अपमान बताया है.। तो वहीं दूसरी तरफ बीजेपी भी नीतीश कुमार के चाल-चरित्र पर सवाल उठा रही है।बिहार नेता प्रतिपक्ष ने नीतीश कुमार पर हमला बोलते हुए कहा कि नीतीश की मानसिक हालात ठीक नहीं है इसीलिए ऐसे बयान दे रहे हैं
हालांकि बिहार के डिप्टी सीएम नीतीश कुमार का बचाव करते नजर आए। डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने कहा कि कभी भी सीएम के जुबान से दलित विरोधी शब्द नहीं निकला है। बता दें कि नीतीश कुमार इन दिनों बैठे बिठाए बीजेपी को अपने खिलाफ मुद्दा दे रहे हैं . महिलाओं पर उनके द्वारा की गयी टिपण्णी पर उठा विवाद शांत हुआ नहीं था कि अब मांझी पर उनकी की गई टिप्पणी पर सियासी बवाल मच गया है।