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मणिपुर हिंसा: मिजोरम से लौट रहे हैं मैतेई समुदाय के लोग, उग्रवादी संगठनों ने दी थी धमकी

Manipur Latest News: मणिपुर की हिंसा (Manipur Violence) की आग मिजोरम तक पहुंच गई है। मणिपुर से जैसे ही महिलाओं के निर्वस्त्र होने के वीडियो सामने आये, मिजोरम में गुस्सा भड़क उठा। वहां के कई पुर उग्रवादी संगठनों ने ऐलान किया कि जिस तरह से मणिपुर में कुकी समुदाय के लोगों को मैतेई समुदाय के लोग टारगेट कर रहे हैं ऐसे में अब वे भी मिजोरम में रह रहे मैतेई समुदाय को निशाना बना सकते हैं। इसलिए हम चेतावनी देते हैं कि मैतेई समुदाय के लोग मिजोरम से वापस चले जाए अन्यथा उनके साथ जो भी होगा उसके लिए उनकी ही जिम्मेदारी होगी।

Manipur Violence

मिजोरम में मैतेई लोग भी रहते हैं। लेकिन अब उनका पलायन शुरू हो गया है। शनिवार को चेतावनी मिलने के बाद अब मैतेई समुदाय के लोग मणिपुर (Manipur Violence) लौट रहे हैं। हालांकि मिजोरम सरकार ने सभी को सुरक्षा देने की बात कही है लेकिन उग्रवादी संगठनों की चेतावनी को देखते हुए मैतेई लोग घबरा गए हैं और वहां से निकल जाना ही बेहतर मान रहे हैं।

जानकारी के मुताबिक शनिवार देर रात को मिजोरम से करीब 56 लोग उड़ान के जरिये मणिपुर लौटे हैं। इनमें ज्यादातर वे लोग हैं जो मिजोरम के विभिन क्षेत्रों में सरकारी नौकरी कर रहे थे। उधर एक और जानकारी मिल रही है कि मिजोरम से बहुत सारे लोग सड़क मार्ग से असम की तरफ जा रहे हैं। इनमें बड़ी संख्या में छात्र हैं और कारोबारी भी। बता दें कि मिजोरम में करीब दो हजार से ज्यादा मैतेई परिवार वर्षों से रह रहे हैं। वे वहीं के होकर रह गए थे लेकिन अब उन्हें भी घर छोड़ना पड़ रहा है। पलायन का यह दर्द अब लम्बे समय तक सताता रहेगा।

Manipur Violence

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उधर मिजोरम से एक और खबर मिल रही है कि कई उग्रवादी संगठन मैतेई परिवार को तलाश रहे हैं और कह रहे हैं कि अभी भी समय है वे यहां से चले जाए। अब हम आगे कार्रवाई करेंगे। जिस तरह से कुकी समाज को खत्म करने की कोशिश की गई है अब उसे बर्दास्त नहीं किया जा सकता। मिजोरम के और मिजो समाज के लोगों ने कहा है कि कुकी समाज के ही वे वंशज हैं और कोई भी समाज अपने वंशज को खत्म होते कैसे देख सकता है।

हालांकि मिजोरम सरकार ने मैतेई लोगों की सुरक्षा बढ़ा दी है लेकिन कोई भी मैतेई अब अपने को सुरक्षित नहीं मान रहा है। सूत्रों के हवाले से जो खबर आ रही है उसके मुताबिक कई छात्र और कर्मचारी यह कहते सुने जा रहे हैं कि उनके दोनों तरफ ख़राब स्थिति ही है। वे यहां रहते हैं तो मौत का डर है और मणिपुर (Manipur Violence) जाते हैं तो वहां भी परेशानी बढ़ने वाली है। मणिपुर अशांत है। वहां किसी की जान कब चली जाएगी कहना मुश्किल है। बेहतर होता कि सरकार इस मामले को शांत कर देती। लेकिन लगता है कि सरकार ने इस मामले से अपना मुंह मोड़ लिया है।

Akhilesh Akhil

Political Editor

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