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Manishankar Aiyar Book: गांधी परिवार ने मुझे बर्बाद कर दिया….. मणिशंकर अय्यर ने खोले कांग्रेस के कई दबे राज!

कांग्रेस (congress) के अंदर नेताओं की भूमिका को लेकर सवाल उठे हों। G-23 अब भले ही कांग्रेस (congress) के अंदर इसकी चर्चा नहीं होती मगर इस गुट में शामिल नेताओं की तरफ से जो सवाल खड़े किए गए उस पर आज भी चर्चा होती है।

Manishankar Aiyar Book: दिग्गज कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने गांधी परिवार पर अपने राजनीतिक करियर को बनाने और बिगाड़ने की बात कही है। इस दौरान उन्होंने ये भी कहा कि 10 साल तक उन्हें कांग्रेस के मुख्य नेता रहे राहुल गांधी और सोनिया गांधी से मिलने और बातचीत करने का मौका तक नहीं मिला।

ऐसा पहली बार नहीं है जब कांग्रेस (congress) के अंदर नेताओं की भूमिका को लेकर सवाल उठे हों। G-23 अब भले ही कांग्रेस (congress) के अंदर इसकी चर्चा नहीं होती मगर इस गुट में शामिल नेताओं की तरफ से जो सवाल खड़े किए गए उस पर आज भी चर्चा होती है। हरियाणा और महाराष्ट्र में हार के बाद कांग्रेस के सामने कई चुनौतिया हैं। इस बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मणिशंकर अय्यर की एक किताब इस वक्त चर्चा के केंद्र में है। कांग्रेस (congress) के वरिष्ठ नेता मणिशंकर अय्यर (Senior Leader Manishankar Iyer) ने अपनी नई पुस्तक में कहा है कि 2012 में जब राष्ट्रपति पद रिक्त हुआ था तब प्रणब मुखर्जी (pranab mukherjee) को संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (UPA-2) सरकार की बागडोर सौंपी जानी चाहिए थी और मनमोहन सिंह को राष्ट्रपति बनाया जाना चाहिए था।

गांधी परिवार ने बनाया करियर और उसी ने खत्म किया’


अय्यर ने लिखा है कि अगर उस वक्त ऐसा किया गया होता तो UPA सरकार शासन के पंगु बनने की स्थिति में नहीं पहुंचती। उन्होंने कहा कि मनमोहन सिंह (Manmohan Singh) को प्रधानमंत्री (Prime minister) के रूप में बनाए रखने और प्रणब मुखर्जी (pranab mukherjee) को राष्ट्रपति भवन भेजने के निर्णय ने संप्रग के तीसरी बार सरकार गठित करने की संभावनाओं को खत्म कर दिया। अय्यर ने अपनी आगामी पुस्तक ए मैवरिक इन पॉलिटिक्स में ये विचार रखे हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मणिशंकर अय्यर का वह दर्द भी छलक आया कि गांधी परिवार से रिश्ते अब ठीक नहीं। उन्होंने इसे अपने जीवन की विडंबना बताया है कि गांधी परिवार ने ही उनका राजनीतिक करियर बनाया और गांधी परिवार ने उसे खत्म भी किया।

मुझे राजीव गांधी का समर्थन प्राप्त था- अय्यर


अय्यर ने यह भी कहा कि 10 साल तक उन्हें एक बार के अलावा सोनिया गांधी (soniya gandhi) से अकेले मिलने या राहुल गांधी के साथ कोई सार्थक समय बिताने का मौका नहीं दिया गया। PTI को दिए एक इंटरव्यू में अय्यर ने कहा कि उन्हें सब कुछ मिला लेकिन अंत में वह पार्टी में पूरी तरह से अलग-थलग पड़ गए। हालांकि, उन्होंने कहा कि वह अब भी पार्टी के सदस्य हैं। उन्होंने कहा मुझे केवल संरक्षण प्राप्त था। मुझे (पूर्व) प्रधानमंत्री राजीव गांधी का समर्थन प्राप्त था। तब मुझे सोनिया गांधी का भी समर्थन प्राप्त था। लेकिन राजनीति में रहने के लिए यह एक बहुत ही अनिश्चित आधार है। इसलिए जब सोनिया गांधी गुस्सा हो गईं 2010 में, तो वह संरक्षण वापस ले लिया गया। हालांकि, इसे अभी तक पूरी तरह वापस नहीं लिया गया है।

राहुल गांधी के आने के बाद बढ़ी दूरी!


उन्होंने इंटरव्यू के दौरान कहा कि तो यह बहुत धीमी गिरावट थी। हालांकि, यह कमी करीब 15 साल में आई। तब मुझे लगा कि राहुल गांधी के आने के बाद यह बढ़ जाएगी। उन्होंने मुझे बताया कि पहले वे मुझसे 75% सहमत होते थे, लेकिन अब वे कहते हैं कि वे मुझसे 100% सहमत हैं। कांग्रेस में मेरे एकमात्र पद से मुझे हटाने के लिए कहकर यह साबित कर दिया कि वह मुझसे 100 प्रतिशत सहमत हैं। यह पार्टी के पंचायती राज संगठन के राष्ट्रीय संयोजक का पद था, जिसका नाम राजीव गांधी के नाम पर रखा गया था। इसके बाद उन्होंने मुझसे मिलने से इनकार कर दिया जिसका परिणाम यह हुआ कि आज मैं पूरी तरह से अलग-थलग हूं। उन्होंने कहा मैंने दो मौकों को छोड़कर प्रियंका के साथ भी मेरी मुलाकात नहीं हुई है। मैं उनसे तब से संपर्क में हूं जब से वह मुझसे फोन पर बात करती हैं। मेरे जीवन की विडंबना यह है कि गांधी परिवार ने मेरा राजनीतिक करियर बनाया और फिर उसे खत्म कर दिया।

पार्टी के भीतर तब भी उठे थे सवाल


कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव की बात हो या फिर राहुल गांधी की भूमिका, इसको लेकर भी पार्टी के भीतर अलग-अलग सवाल खड़े होते रहे हैं। अय्यर ही नहीं कांग्रेस के कई और दूसरे नेता भी कई सवाल खड़े कर चुके हैं। कभी कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री शंकरसिंह वाघेला ने एक वक्त दावा किया था कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी को उचित सलाह नहीं दी जा रही है। उदाहरण बताते हुए उन्होंने कहा था कि पूरी ट्रेनिंग के बगैर प्रियंका गांधी को उत्तर प्रदेश भेज दिया गया। पंजाब और महाराष्ट्र के कई नेता पार्टी छोड़ चुके हैं उनकी ओर से भी कई आरोप लगाए गए। जी-23 कांग्रेस के भीतर इस गुट की कुछ साल पहले काफी चर्चा होती थी। इसके अधिकांश नेता अब पार्टी छोड़ चुके हैं या खामोश हैं। इनकी ओर से भी कई सवाल खड़े किए गए थे।

Prachi Chaudhary

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