Mission Samudrayaan: चांद पर तिरंगा फहराने के बाद अब हिंदुस्तान के हौसले बुलंद है। जोश हाई है और दुनिया हिंदुस्तान पर टक-टकी लगाए बैठी है। पूरी दुनिया बदलते भारत को देख रही है। भारत की सफलता को देख रही है। भारत को बुलंदियों पर जाते हुए देख रही है। दरअसल चंद्रयान 3 (Chandrayaan 3) के सफल होने के बाद भारत ने सूरज पर आदित्य-L1 (Aditya-L1) भेजा है। जिसके सफल होने का इंतजार पूरी दुनिया कर रही है।
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चांद, सूरज के बाद अब हिंदुस्तान की नजर सागर पर है। दरअसल भारत अपना पहला मानवयुक्त समुद्री मिशन भेजने की तैयारी में जुट चुका है। जिसका नाम समुद्रयान (Samudra Yan) रखा गया है। बता दें कि इस मिशन में स्वदेशी पनडुब्बी मत्स्य-6000 में 3 लोगों को पानी के भीतर 6,000 मीटर की गहराई तक भेजने की योजना है।
रहस्यों से भरा है समुद्र
जैसे अंतरिक्ष (Space) रहस्यों से भरा हुआ है, वैसे ही समुद्र भी रहस्यों को समाए हुए है। अलग-अलग देशों ने समुद्र को लेकर कई खोज की है। लेकिन अब अगर हिंदुस्तान अपने मिशन में सफल हो जाता है तो पूरी दुनिया में एक बार फिर से भारत का डंका बज जाएगा। भारत अपना मिशन भेजने की तैयारी में जुटा हुआ है। लिहाजा ये जानना जरूर हो जाता है कि आखिर समुद्रयान मिशन क्या है? मिशन अभी तक कितना पूरा हो चुका है। मिशन को भेजने का उद्देश्य क्या है? और समुद्रयान को कब तक भेजा जाएगा?
समुद्रयान को लेकर अभी क्या हुआ ?
वैसे तो समुद्रयान मिशन (Samudrayaan Mission) साल 2021 में शुरू हुआ था, लेकिन अब समुद्रयान ‘मिशन’ की चर्चा क्यों हो रही है। तो आपको बता दें कि सोमवार को समुद्रयान मिशन से जुडी तस्वीरें सामने आईं। मिशन में इस्तेमाल होने वाली मत्स्य-6000 की तस्वीरों को साझा करते हुए केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्री किरेन रिजिजू (Union Earth Sciences Minister Kiren Rijiju) ने कहा कि इसका निर्माण चेन्नई में स्थित राष्ट्रीय महासागर प्रौद्योगिकी संस्थान (National Institute of Ocean Technology) में किया जा रहा है। उन्होंने आगे कहा कि समुद्रयान (Samudrayaan) में गहरे समुद्र के संसाधनों का अध्ययन करने वाली योजना समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र को अस्त-व्यस्त नहीं करेगी।
मिशन का क्या है उद्देश्य?
दरअसल, समुद्रयान का उद्देश्य ये है कि मिशन में जाने वाला वाहन मानव युक्त सबमर्सिबल मत्स्य-6000 निकल (Manned Submersible Fish-6000 Nickel), कोबाल्ट, दुर्लभ मृदा तत्व, मैंगनीज आदि से समृद्ध खनिज संसाधनों की खोज में गहरे समुद्र में मानव द्वारा प्रत्यक्ष अवलोकन की सुविधा प्रदान करेगा। जिससे की कहीं ना कहीं भारत को पायदा होगा। केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह (Union Minister Dr. Jitendra Singh) ने बताया कि लाभ के रूप में मिशन से वैज्ञानिक अनुसंधान और तकनीकी सशक्तिकरण को बढ़ावा मिलेगा। इसके अलावा इस मिशन से संपत्ति निरीक्षण, पर्यटन और समुद्री साक्षरता को बढ़ावा मिलेगा।
कब तक लॉन्च होगा ‘समुद्रयान’?
वैसे तो समुद्रयान मिशन की शुरुआत अक्तूबर 2021 में हुई थी। इस मिशन पर काम करने की शुरुआत के साथ ही हिंदुस्तान अमेरिका, फ्रांस, रूस, जापान और चीन जैसे देशों की फेहरिस्त में शामिल हो गया था। डॉ. जितेंद्र सिंह (Union Minister Dr. Jitendra Singh) के अनुसार समुद्रयान अभियान के अगले तीन साल में साकार होने की संभावना है। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिकों ने डिजाइन तैयार कर लिया है। अब वैज्ञानिक आगे के प्रोसेस पर काम कर रहे हैं।
समुद्रयान की लागत क्या है ?
आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने 5 साल के लिए 4,077 करोड़ रुपये के कुल बजट में मिशन को मंजूरी दी थी। साल 2021- से साल 2024 के लिए पहले चरण की अनुमानित लागत 2 हजार 823.4 करोड़ रुपये है।