नई दिल्ली: एक तरफ जहां कोरोना के आंकड़े थमने का नाम नहीं ले रहे वहीं दूसरी तरफ अब मंकीपॉक्स ने भी लोगों की चिंता बढ़ा दी है. देश की राजधानी दिल्ली में मंकीपॉक्स का पहला मामला सामने आया है. इस मरीज की कोई विदेशी ट्रैवल हिस्ट्री नहीं है.
बता दें कि इससे पहले केरल में मंकीपॉक्स के तीन मरीज निकल चुके हैं. ये तीनों ही मरीज यूएई से लौटे थे और वहीं पर ये किसी संक्रमित के संपर्क में आए थे. मंकीपॉक्स के पहले मामले की पुष्टि खुद केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने की थी. वह यूएई से लौटा था. मंकीपॉक्स के लक्षण दिखने के बाद उसे केरल के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था. नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी पुणे में उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी.
ये भी पढ़ें- Corona Virus Update: आखिर कब कोरोना के बढ़ते आंकड़ों से मिलेगी निज़ात, जानें कितने मरीजों ने तोड़ा दम ?
दिल्ली में नया मरीज मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज में भर्ती है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने 31 वर्षीय व्यक्ति में संक्रमण की पुष्टि करते हुए बताया कि इसकी कोई ट्रैवल हिस्ट्री नहीं है. अब तक चार मरीजों में ऐसा पहली बार हुआ है, जिसकी कोई ट्रैवल हिस्ट्री नहीं है. इस मरीज को तेज बुखार और स्किन में घावों के बाद अस्पताल में भर्ती करवाया गया था. इस केस के महज चार दिन बाद यानी 18 जुलाई को केरल में दूसरे मामले की पुष्टि हुई थी. ये शख्स भी दुबई से लौटा था. इसके बाद 22 जुलाई को तीसरे मामले की पुष्टि हुई. इन तीनों की मामलों में यूएई कनेक्शन सामने आया था.
अमेरिका के सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल (CDC) के मुताबिक, पहली बार ये बीमारी 1958 में सामने आई थी. तब रिसर्च के लिए रखे गए बंदरों में ये संक्रमण मिला था. इसलिए इसका नाम मंकीपॉक्स रखा गया है. बंदरों में चेचक जैसी बीमारी के लक्षण दिखे थे.
मंकीपॉक्स वायरस का लक्षण 6 से 13 दिन में लोगों में दिखने लग जाते है. कई बार 5 से 21 दिन तक का भी हो सकता है. संक्रमित होने के पांच दिन के भीतर बुखार, तेज सिरदर्द, सूजन, पीठ दर्द, मांसपेशियों में दर्द और थकान जैसे लक्षण दिखते हैं. मंकीपॉक्स शुरुआत में चिकनपॉक्स, खसरा या चेचक जैसा दिखता है.