नई दिल्ली: दुनियाभर में कोरोना के साथ ही अब मंकीपॉक्स से भी लोगों की चिंता बढ़ गई है. शरीर में चकत्ते, सिरदर्द, थकावट, बुखार जैसे लक्षणों वाली इस बीमारी ने लोगों को भयभीत कर दिया है. अबतक दुनिया के 78 देशों में 18 हजार लोगों के बीच मंकीपॉक्स फैल चुका है. इनमें से 70 फीसदी केस यूरोप से आए हैं जबकि 25 फीसदी अमेरिका से है. फिलहाल, राहत की बात यह हैं कि इतने बड़े संक्रमण के बावजूद अब तक 5 लोगों की मौत ही मंकीपॉक्स से हुई है. लगभग 1800 लोगों की पूरी दुनिया में अस्पताल जाने की नौबत आ गई है.
भारत में भी मंकीपॉक्स ने दस्तक दे चुका है. देश में अबतक 5 लोगों में मंकीपॉक्स की पुष्टि हो चुकी है. इनमें से 3 केरल, एक केरल और एक दिल्ली का है. चिंता की बात यह है कि बुधवार को ही नोएडा और गाजियाबाद से मंकीपॉक्स के 3 संदिग्ध केस मिले है.
संक्रमण को रोकने के लिए केंद्र सरकार ने गाइडलाइन जारी कर दी है. इसके अनुसार मंकीपॉक्स के संपर्क में आए व्यक्ति को 21 दिनों तक आइसोलेशन में रहना जरूरी है. इसकी वजह यह है कि मंकीपॉक्स का इन्क्यूबेशन पीरियड 21 दिनों का है. इसके अलावा अनिवार्य मास्क पहनना. हाथों को लगातार धोते रहना. मंकीपॉक्स से प्रभावित त्वचा को पूरी तरह से ढक कर रखना भी जरूरी है.
ये भी पढ़ें- Corona Virus Update: कोरोना के आंकड़ों में इज़ाफा जारी, जानें महामारी से कितने लोगों ने गंवाई जान ?
WHO के अनुसार नजदीकी संपर्क, गले लगना, गले लगाना, चुंबन, संक्रमित बिस्तर और तौलिये का प्रयोग भी मंकीपॉक्स के फैलने का कारण बन सकता है. WHO के अनुसार मंकीपॉक्स से बचने के लिए इन एहतियात का पालन करना बेहद जरूरी है.
WHO का मानना है कि मंकीपॉक्स से बचने के लिए दो मर्दों के बीच होने वाले यौन संबंधों को लेकर सबसे सावधान रहने की जरूरत है. WHO के अनुसार ऐसे लोगों को अपने सेक्स पार्टनर कम करने चाहिए. नए सेक्स पार्टनर बनाने से बचना चाहिए और अपने मौजूदा सेक्स पार्टनर के साथ सारी जानकारियां साझी करनी चाहिए ताकि जरूरत पड़ने पर उस संपर्क स्थापित किया जा सके.
WHO के अनुसार, मंकीपॉक्स के 98% मामले उन पुरुषों में हैं जो पुरुषों के साथ यौन संबंध रखते हैं. लेकिन किसी को भी मंकीपॉक्स हो सकता है, यही वजह है कि डब्ल्यूएचओ की सिफारिश है कि दुनिया के देश बच्चों, गर्भवती महिलाओं और अन्य कमजोर समूहों में इस बीमारी के संक्रमण को रोकने के लिए कार्रवाई करें.
मंकीपॉक्स के लक्षण
1.बुखार आना
2.स्किन पर चकत्ते पड़ना. ये चेहरे से शुरू होकर हाथ, पैर, हथेलियों और तलवों तक हो सकते हैं.
3.सूजे हुए लिम्फ नोड. यानी शरीर में गांठ होना.
4. बार-बार बेहोश होना या दौरा पड़ना.
5.पेशाब में कमी.