Aligarh Sugar Scam Case: एक महीने में 1100 क्विंटल चीनी खा गए बंदर
Monkeys ate 1100 quintals of sugar in a month
Satha Sugar Mill Aligarh: अलीगढ़ की साथा चीनी मिल में लाखों रुपये की करीब 1100 क्विंटल चीनी के घोटाले का खुलासा हुआ है। हालांकि, चीनी मिल प्रबंधन से जुड़े अधिकारियों का दावा है कि मिल के स्टॉक में रखी करीब 35 लाख की चीनी बंदर खा गए और बारिश में बहकर खराब हो गई।
सहायक लेखापरीक्षा अधिकारी विनोद कुमार सिंह द्वारा ऑडिट किया गया है। जिसमें 35.24 लाख रुपये की चीनी चोरी होने की बात सामने आई है और संस्था को नुकसान हुआ है। इसके लिए मिल प्रबंधक, लेखा अधिकारी और छह अन्य अधिकारियों व कर्मचारियों को दोषी मानते हुए चीनी आयुक्त से कार्रवाई की संस्तुति की गई है। हालांकि, मिल के स्टोर कीपर और अन्य कर्मचारी इस ऑडिट रिपोर्ट को निराधार बता रहे हैं।
इस पूरे मामले में एमडी के निर्देश पर मिल प्रबंधन और डीएम स्तर पर एक प्रशासनिक कमेटी बनाई जा रही है, जो सच्चाई का पता लगाएगी। जिला लेखा परीक्षा अधिकारी, सहकारी समितियां और चीनी मिल के पंचायत लेखा परीक्षक ने हाल ही में 31 मार्च 2024 तक ऑडिट जांच की। जिसमें चीनी के अंतिम स्टॉक का फिजिकल वेरिफिकेशन किया गया।
1 अप्रैल से अक्टूबर 2023 तक चीनी स्टॉक का मिलान पाया गया। इसके बाद फरवरी 2024 में चीनी स्टॉक 1538.37 क्विंटल थी, जो मार्च में घटकर केवल 401.37 क्विंटल रह गई। चीनी मिल के अधिकारियों और कर्मचारियों के मुताबिक, मिल का स्टॉक रूम जर्जर होने के कारण स्टॉक में रखी करीब 1137 क्विंटल सफेद चीनी बंदर खा गए और कुछ चीनी बारिश में खराब हो गई। इतना ही नहीं मार्च में दिखाया गया शेष स्टॉक भी फिजिकल वेरिफिकेशन के लिए नहीं मिला।
लखनऊ तक मच गया हंगामा
बंदरों द्वारा लाखों की चीनी खा जाने की घटना से अलीगढ़ से लेकर लखनऊ तक हड़कंप मच गया है। इस पूरे मामले को लेकर प्रदेश की सहकारी चीनी मिल के एमडी रमाकांत पांडे ने डीएम और साथा चीनी मिल के जीएम से बात की है। उन्होंने जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी बनाने के निर्देश दिए हैं। उधर, मिल के गोदाम का स्टॉक सही करने के लिए कर्मचारी बुद्ध पूर्णिमा की छुट्टी पर भी जुटे रहे। खास बात यह है कि डीएम सहकारी साथा चीनी मिल के पदेन अध्यक्ष हैं। आश्चर्य की बात है कि मिल बंद होने के बाद से साथा चीनी मिल के जीएम व अन्य स्टाफ ने यहां के स्टॉक व अन्य मामलों की जानकारी प्रशासन को नहीं दी है।
गुड़ में गड़बड़ी की आशंका, डीएम कराएंगे जांच
साथा चीनी मिल से चीनी गायब होने के साथ ही शीरे के रखरखाव में भी लापरवाही और बड़ी अनियमितता की आशंका है। चर्चा है कि मिल में स्टॉक के अनुरूप शीरा उपलब्ध नहीं है। इस मामले में डीएम विशाख जी ने शीरे की अलग से जांच कराने का भी निर्णय लिया है। डीएम ने इसकी जांच की जिम्मेदारी उत्पाद विभाग के अधिकारियों को सौंपी है।
साथा चीनी मिल करीब 26 माह से बंद है
अलीगढ़ जिले की एकमात्र साथा चीनी मिल पिछले 26 माह से बंद है। चीनी मिल के पुनरुद्धार के नाम पर करोड़ों रुपये खर्च किये जा चुके हैं। इस बार भी गन्ना किसान पेराई के लिए दूसरी चीनी मिलों पर निर्भर हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने साथा चीनी मिल का नए सिरे से निर्माण कराने की घोषणा की है। प्रशासनिक स्तर पर नए सिरे से प्रस्ताव तैयार कर मिल के लिए डीपीआर (विस्तृत परियोजना रिपोर्ट) भेज दी गई है। बस शासन स्तर से मंजूरी की घोषणा का इंतजार है। चीनी मिल के निर्माण के लिए करीब 300 करोड़ रुपये की जरूरत है, लेकिन अभी तक बजट जारी न होने से चीनी मिल बंद है। पिछले पांच साल में ही मिल की मरम्मत पर 5.70 करोड़ रुपये खर्च किये जा चुके हैं।
गन्ना किसानों का हो रहा है मोहभंग, घट रहा है रकबा
अलीगढ़ में गन्ने का रकबा लगातार घट रहा है। 17 वर्षों में गन्ने का क्षेत्रफल पहले की तुलना में घटकर मात्र 25 प्रतिशत रह गया है। लंबे समय से चीनी मिल बंद रहने के कारण जिले के गन्ना किसानों का गन्ने की खेती से मोह भंग हो रहा है। वर्ष 2015 में गन्ने का क्षेत्रफल 10,735 हेक्टेयर था, जो तीन साल बाद घटकर मात्र 7,500 हेक्टेयर रह गया। वर्ष 2019 में यह 6,100 हेक्टेयर, 2020 में 5,000 हेक्टेयर, 2021 में 4,700 हेक्टेयर हो गया। इस वर्ष यह क्षेत्रफल घटकर 4000 हेक्टेयर रह गया है। क्षेत्रफल कम होने से गन्ने का उत्पादन भी कम हो रहा है। चीनी मिल बंद होने से पिछले पांच साल से जिले में उत्पादित गन्ना साबितगढ़, कासगंज समेत अन्य चीनी मिलों में भेजा जा रहा है।
ऑडिट टीम ने गेस्ट हाउस में बैठकर सतही जांच की है। शुगर की जितनी मात्रा कम बताई जा रही है, उतनी कम नहीं है। मिल के अंदर गोदाम के शटर टूटे हुए हैं, जबकि छत भी टूटी हुई है। पानी छत से प्रवेश करता है। करीब 538 क्विंटल चीनी बंदर खा गए हैं। इससे शुगर कम हो गई है। ऑडिट टीम द्वारा 1100 क्विंटल चीनी कम बताई जाना गलत है। पिछले चार साल में मिल की मरम्मत व रखरखाव के लिए कोई बजट या भत्ता नहीं मिला है। इसके लिए कई बार शासन को पत्र भेजा जा चुका है।
मिल परिसर में बंदर उत्पात मचाते रहते हैं। वर्ष 2020-21 से चीनी का उत्पादन नहीं हो रहा है। काफी समय से मिल की मरम्मत नहीं हुई है। हमें इस बारे में कुछ नहीं पता कि शुगर कैसे कम हुई? – महादेव बख्शी व जालिम सिंह, चीनी मिल कर्मचारी।
चीनी मिल से 1137 क्विंटल चीनी गायब होने के मामले में एमडी के स्तर पर जांच कमेटी बनाने के निर्देश दिये गये हैं। पूरे मामले की जांच की जा रही है। – राहुल यादव, जीएम, साथा चीनी मिल।
विशाख जी, जिलाधिकारी का कहना है, साथा चीनी मिल तीन साल से बंद है। मिल से चीनी गायब होने के मामले में एमडी स्तर से प्रशासनिक जांच के निर्देश दिये गये हैं। इसके लिए एक टीम का गठन किया जा रहा है। जो मिल बंद होने के समय स्टॉक आदि की जांच करेगी और पूरी सच्चाई पता कर अपनी जांच रिपोर्ट सौंपेगी। इसी आधार पर कार्रवाई की जाएगी।