Kanpur News: गौ रक्षक की हत्या और मड़ौली अग्निकांड में मां बेटी की जलकर मौत पर इंसाफ से महरूम परिवार
इंसाफ की आस में शिकायतों से लेकर चिट्ठियों तक, बयानों से लेकर मीडिया की सुर्खियों तक कभी सत्ता का आश्वासन तो कभी विपक्ष का तंज लेकिन इंसाफ की दौड़ में हांफता पीढ़ित, कुछ महीनों पहले कानपुर देहात में हुए ताबड़तोड़ घटनाओं ने कानपुर देहात जिले को सुर्खियों में ला दिया था प्रदेश की सरकार से लेकर केंद्र की सरकार तक सत्ता से लेकर विपक्ष तक सब की जुबान पर सिर्फ कानपुर देहात (Kanpur Dehat) कांड था कुछ महीनों पहले कानपुर देहात में मां बेटी की जलकर मौत हुई थी और आरोप पुलिस और प्रशासन पर था तो वहीं उससे कुछ दिनों पहले एक गौ रक्षक की मौत के मामले ने प्रदेश सरकार को हिलाकर रख दिया था लेकिन समय बीता, वादे बीते और बीत गई मौतों पर शियासत और इंसाफ की बाते।
देखिए जमीन पर बैठे इन परिवारों को जो अपना घर ,सुकून और चैन छोड़कर कानपुर देहात के मुख्यालय में किस तरह से भूखे प्यासे पड़े हैं ये वो जमीन है जहां दिन में अधिकारियों का काफिला गुजरता है, ये वो जगह है जहां आधिकारी इंसाफ का दरबार लगाते है। दो परिवार महज इस वजह से यहां अनिश्चित कालीन धरने पर बैठ गये है की न्याय की उम्मीद से ये अब न उम्मीद हो चुके है और सरकार ,अधिकारियों से उन मौतों का हिसाब मांग रहे है जिनके गुनहगार खुली हवा में चैन की सांस ले रहे हैं
इस धरने में गौ रक्षक राजेश दुबे की बेटी और बेटा बैठा हुआ है और साथ में एक पीड़ित परिवार जिसका आरोप है की प्रशासन के द्वारा कब्जा हटाने गई टीम ने आग लगाकर मां बेटी को जिंदाज जला दिया लेकिन पुलिस ,प्रशासन और सरकार की तरफ से गठित की गई एस आई टी की हीला हवाली पर पीढ़ित अब एक जुट होकर अनिश्चित कालीन धरने पर बैठ गया है और इंसाफ की लड़ाई को आमरण आसान तक ले जाने की बात कर अधिकारियों की नींद उड़ाकर धरने पर बैठ गया है और अब ये धरना तब तक चलेगा जबतक इंसाफ मिल नही जाता।
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हालाकि मौके पर अपर पुलिस अधीक्षक ,एसडीएम कानूनगो क्षेत्राधिकारी और तमाम अधिकारी पीड़ितों से मिले लेकिन बात वहीं पर आकर खत्म हो जाती जैसे ही इंसाफ की मांग पीड़ितों की जुबान से निकलती खैर अधिकारी कुछ नही बोले बस यही बात कैमरे से हटकर बोले की इंसाफ मिलेगा लेकिन कानूनी तरह से वहीं मड़ौली कांड के पीढ़ित शिवम ने कहा की 61 दिन बीत जाने के बाद भी इंसाफ अधूरा है और आरोपी खुलेआम घूम रहे है ऐसे में या तो उनके घर पर बुलडोजर चले या उनका एनकाउंटर हो जाए और दूसरा पीड़ित भी अधिकारियों की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर रहा है अब देखना है की आखिर इंसाफ कब मिलता है ।