Sliderउत्तराखंडक्राइमट्रेंडिंगन्यूज़बड़ी खबरराजनीतिराज्य-शहर

Muzaffarnagar Rampur Tiraha kand 30th Anniversary: मुजफ्फरनगर रामपुर तिराहा कांड की 30वीं बरसी पर शहीदों को श्रद्धांजलि, सीएम धामी ने की कई बड़ी घोषणाएं

The day of October 2, 1994 is known as a very sad incident in the history of Uttarakhand. At that time, Uttarakhand was part of Uttar Pradesh.

Muzaffarnagar Rampur Tiraha kand 30th Anniversary : उत्तराखंड राज्य के लिए हुए संघर्ष और बलिदान की कहानी का सबसे काला अध्याय माने जाने वाले रामपुर तिराहा कांड की 30वीं बरसी के मौके पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शहीद स्थल पर आयोजित कार्यक्रम में शिरकत कर शहीद आंदोलनकारियों को नमन किया। सीएम धामी ने इस अवसर पर शहीद आंदोलनकारियों की याद में स्मारक स्थल पर उनकी प्रतिमाएं स्थापित करने की घोषणा की और बलिदानियों को श्रद्धांजलि अर्पित की।

रामपुर तिराहा कांड: 30 साल पहले का वह काला दिन

2 अक्टूबर, 1994 का दिन उत्तराखंड के इतिहास में एक बेहद दुखद घटना के रूप में जाना जाता है। उस समय उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश का हिस्सा था और यहां के लोग अपने अलग राज्य की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे। लेकिन उत्तर प्रदेश की तत्कालीन सरकार ने इन आंदोलनकारियों पर बेहद सख्ती से कार्रवाई की। इस दौरान मुजफ्फरनगर के रामपुर तिराहा पर पुलिस ने आंदोलनकारियों पर गोलियां चलाईं, जिसमें कई लोग शहीद हो गए और कई घायल हुए। इस घटना ने उत्तराखंड की राज्य की मांग को और मजबूत बना दिया। इसके बाद, 9 नवंबर 2000 को उत्तराखंड एक स्वतंत्र राज्य के रूप में बना।

सीएम धामी ने शहीदों को किया नमन, बलिदानियों की प्रतिमाएं स्थापित करने की घोषणा

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रामपुर तिराहा स्थित शहीद स्थल पर शहीद आंदोलनकारियों को नमन करते हुए कहा कि उत्तराखंड राज्य का गठन उन वीर सपूतों के बलिदान का परिणाम है, जिन्होंने अपने प्राणों की आहुति दी। उन्होंने कहा, “30 वर्ष पहले उत्तराखंड के गठन के लिए आंदोलनकारियों ने जो यातनाएं सही, उनका दर्द कभी भुलाया नहीं जा सकता। आज उत्तराखंड विकास के पथ पर अग्रसर है और राज्य के अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति तक योजनाओं का लाभ पहुंचाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है।”

सीएम धामी ने इस अवसर पर घोषणा की कि शहीद आंदोलनकारियों की प्रतिमाएं स्मारक स्थल पर स्थापित की जाएंगी, ताकि आने वाली पीढ़ियां उनके बलिदान को याद रख सकें। उन्होंने शहीद स्थल के लिए भूमि दान करने वाले महावीर प्रसाद शर्मा की प्रतिमा स्थल का भी शिलान्यास किया और उनकी स्मृति को सम्मानित किया। इसके लिए मुख्यमंत्री ने संस्कृति विभाग को 14 लाख से अधिक की धनराशि आवंटित की है।

मुख्यमंत्री ने दिया 10 प्रतिशत क्षेतिज आरक्षण और पेंशन का जिक्र

मुख्यमंत्री धामी ने अपने संबोधन में कहा कि राज्य के गठन के बाद उत्तराखंड को सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने के संकल्प को ध्यान में रखते हुए सरकार ने राज्य आंदोलनकारियों को 10 प्रतिशत क्षेतिज आरक्षण देने का निर्णय लिया। इसके साथ ही, सक्रिय आंदोलनकारियों को पेंशन देने की योजना भी लागू की गई है। उन्होंने कहा, “हमारे आंदोलनकारियों ने राज्य की स्थापना के लिए मां की ममता छोड़ी, बहन की राखी का त्याग किया और अपने प्राणों की आहुति दी। ऐसे बलिदानियों को राज्य सरकार हमेशा सम्मानित करती रहेगी।”

डेमोग्राफी और राज्य के मूल स्वरूप को संरक्षित रखने का आह्वान

सीएम धामी ने राज्य के मूल स्वरूप को बचाने की प्रतिबद्धता व्यक्त की और कहा कि जनसंख्या का संतुलन बनाए रखना जरूरी है। इसके लिए राज्य सरकार ने कई ठोस कदम उठाए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा, “प्रदेश की डेमोग्राफी को संरक्षित रखने का दायित्व हम सभी का है। राज्य में धर्मांतरण कानून लागू किए गए हैं, ताकि राज्य की सांस्कृतिक और धार्मिक पहचान को संरक्षित रखा जा सके।” उन्होंने आंदोलनकारियों, मातृशक्ति और नौजवानों से आह्वान किया कि वे जागरूक होकर राज्य की सुरक्षा और संरक्षण में योगदान दें।

पूर्व सीएम रमेश पोखरियाल निशंक ने किया आंदोलनकारियों के बलिदान को याद

इस अवसर पर उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व सांसद रमेश पोखरियाल निशंक भी उपस्थित रहे। उन्होंने कहा कि रामपुर तिराहा कांड के दौरान आंदोलनकारियों ने जो बलिदान दिया, वह कभी भुलाया नहीं जा सकता। उन्होंने तत्कालीन उत्तर प्रदेश सरकार की क्रूरता का जिक्र करते हुए कहा कि जिस निर्ममता से आंदोलन को दबाने का प्रयास किया गया, वह अपने आप में एक कटु उदाहरण है। लेकिन आंदोलनकारियों की दृढ़ इच्छाशक्ति और बलिदान के कारण ही उत्तराखंड को एक स्वतंत्र राज्य का दर्जा प्राप्त हुआ।

शहीदों की स्मृति को संजोए रखने का संकल्प

मुख्यमंत्री ने कहा कि शहीदों की स्मृति को संजोए रखने के लिए राज्य सरकार हर संभव प्रयास कर रही है। उन्होंने स्मारक स्थल पर बलिदानियों की प्रतिमाएं स्थापित करने की घोषणा करते हुए कहा, “हमारी आने वाली पीढ़ियों को यह जानना चाहिए कि किस तरह से हमारे पूर्वजों ने राज्य के गठन के लिए अपने प्राणों की आहुति दी। यह स्मारक आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगा।”

कार्यक्रम में राज्य के लोगों की बड़ी भागीदारी

इस अवसर पर बड़ी संख्या में राज्य आंदोलनकारी, शहीदों के परिजन और स्थानीय लोग उपस्थित रहे। सभी ने एक स्वर में शहीदों को श्रद्धांजलि दी और उनके बलिदान को याद किया। लोगों ने मुख्यमंत्री के इस कदम का स्वागत किया और राज्य के विकास और संरक्षण के लिए सरकार के प्रयासों की सराहना की।

रामपुर तिराहा कांड की 30वीं बरसी पर आयोजित इस कार्यक्रम ने राज्य की जनता और सरकार को एक बार फिर यह याद दिलाया कि उत्तराखंड का अस्तित्व उन वीर आंदोलनकारियों की देन है, जिन्होंने अपने प्राणों की आहुति देकर राज्य की स्थापना की। इस मौके पर मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणाएं राज्य के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं और शहीदों के प्रति कृतज्ञता प्रकट करती हैं।

Mansi Negi

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Back to top button