News Bilkis Bano Case! बिलकिस मामले की सुनवाई फिर से सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में होगी। यह गुजरात दंगे से जुड़ा मामला है। गुजरात दंगे के दौरान बिलकिस बानो के परिवार के साथ दंगाइयों ने क्रूर अत्याचार किया था। उसके कई सम्बन्धियों को मौत के उतार दिया गया था और बलात्कार का खेल खेला गया था। बिलकिस के बच्चों की ह्त्या भी कर दी गई थी। बिलकिस बानो के साथ बलात्कार करने वालों को ताउम्र की सजा मिली थी लेकिन पिछले साल गुजरात सरकार ने केंद्र के सहयोग से दोषी 11 बलात्कारियों को रिहा कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट इस मामले पर फिर से सुनवाई करने को तैयार है।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट इस ममले पर सोमवार को सुनवाई करेगा। सीजेआई ने इस सुनवाई के लिए दो जजों की बेंच बना दी है। पिछले दिनों सीजेआई ने बिलकिस बानो को भरोसा दिया था कि जल्द ही इस मामले में बेंच का गठन किया जाएगा। अब देखना है कि बानो को कितना और कैसा न्याय मिलता है ? बता दें कि 2002 के गुजरात दंगे के दौरान बिलकिस बानो बलात्कार मामले में 11 दोषियों को उम्र कैद की सजा दी गई थी। लेकिन पिछले साल 15 अगस्त को गोधरा जेल में बंद इन दोषियों को गुजरात सरकार ने माफ़ी योजना के तहत रिहा कर दिया था। तब देश भर में इसकी काफी आलोचना हुई थी। सवाल उठाये गए थे। इनमे से कई कैदी 15 साल से 18 साल की सजा भी काट चुके थे। फिर बिलकिस बानो ने इस तरह की रिहाई को चुनौती दी थी।
इसके बाद इस मामले पर कई याचिकाएं भी दायर की गई। अब इस मामले की फिर से सुनवाई की जानी है। जस्टिस केएम जोसेफ और जस्टिस बीवी नागरत्ना की बेंच इस मामले की सुनवाई करने जा रही है। इससे पहले 22 मार्च को सीजेआई चंद्रचूड़ ने इस मामले को सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया था। साथ ही दलीलों के बैच की सुनवाई के लिए एक नई पीठ गठन की बात कही थी। बता दें चार जनवरी को भी जस्टिस अजय रस्तोगी और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी ने भी बिलकिस बानो की तरफ से दायर याचिका पर सुनवाई की थी। बाद में जस्टिस त्रिवेदी ने बिना कोई कारण बताये खुद को सुनवाई से अलग कर लिया था। इसके बाद अगली सुनवाई रुकी हुई थी।
बिलकिस बानो को अब लगता है कि उन्हें अदालत से राहत मिलेगी। रिहा किये गए दोषियों के बारे में अदालत क्या कुछ कहती है और सर्कार के फैसले पर अदालत का क्या रुख होता है इस पर सबकी निगाहें टिकी हुई है।