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क्या यूपी में अकेले चलेगी मायावती ?

UP News उत्तर-प्रदेश न्यूज़! बहुरंगी राजनीति में कब किसका साथ बने और कब  किसका अलगाव हो यह सब परिस्थिति पर निर्भर करता है। गठबंधन बनते  बिगड़ते रहते हैं। मायावती अभी क्या करेगी किसी को कुछ पता नहीं है। हालांकि वह कह चुकी है कि यूपी में अब वह  किसी के साथ गठबंधन  नहीं करेगी। पिछले 15 जनवरी को अपने जन्म दिन के मौके पर उन्होंने कहा था कि वह किसी भी पार्टी से तालमेल  नहीं करेगी। ऐसा लगा था कि उन्होंने यह घोषणा पुरे देश के लिए की है। लेकिन बाद में पता चला कि  मायावती का  वह बयान केवल यूपी को लेकर ही था। बसपा भी अपनी तैयारी कर रही है। हर जगह उनके लोग अब तैनात हो गए हैं। जिन दस राज्यों में चुनाव में बसपा संगठन को मजबूत कर रही है। वह मध्यप्रदेश की भी तैयारी  कर रही है और राजस्थान में भी अपनी पकड़ मजबूत करने को तैयार है। वह दक्षिण के राज्यों में भी जगह तलाश  रही है।  कर्नाटक से लेकर छत्तीसगढ़ तक बसपा अपनी जमीन तलाश रही है । 

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 पंजाब में वह पहले भी अकाली के साथ मिलकर चुनाव लड़ती थी ।बीच में लगा था कि अकाली के साथ उसका तालमेल खत्म हो जाएगा लेकिन यह संभव नहीं हुआ ।दोनो दलों के बीच फिर से बैठके जारी है और बातचीत हो रही है । दोनो में अब आगे भी तालमेल जारी रहेगा ।लोकसभा चुनाव बसपा और अकाली मिलकर लड़ेंगे ।      मायावती अब यूपी में अकेले चुनाव लड़ेगी। लोकसभा चुनाव से पहले अब वह किसी भी बड़ी पार्टी से तालमेल नहीं करेगी। कहा जा रहा है कि लोकसभा चुनाव से पहले कुछ स्थानीय दलों के साथ उसकी सहमति और तालमेल की बात संभव हो सकती है लेकिन सपा ,कांग्रेस या फिर बीजेपी के साथ वह चुनाव नहीं लड़ेगी। हालांकि यह भी साफ़ है कि इधर जब भी बसपा अकेले चुनाव लड़ी है उसे हानि हुई है। पिछली बात बसपा ने सपा के साथ तालमेल  किया था तो उनकी सीटें शून्य से बढ़कर दस तक पहुँच गई थी। अगर इस बार अकेले चुनाव लड़ेगी तो संभव है कि बसपा को हानि हो जाए।      

 बसपा की कोशिश यूपी में चुनाव को चार कोणीय बनाने की है। हालांकि बसपा को पता है कि ऐसी स्थिति में बीजेपी को लाभ हो सकता है। बीजेपी भी यही चाहती है। बीजेपी तो याना तक चाहती है कि यूपी में जितनी पार्टियां है सब अलग -अलग चुनाव लड़े ताकि वोट का बंटवारा अधिक से अधिक हो जाए। बीजेपी को पता कि बीजेपी का   वोट नहीं बंट सकता लेकिन जब बाकी वोट बाँटेंगे तो बीजेपी को लाभ होगा। यह सब जानते हुए भी बसपा एकला चलो की नीति पर काम कर रही है।

     मायावती की कोशिश इतना भर है कि दलित और मुस्लिम वोट उसके साथ रहे। सूत्रों से यह भी जानकारी मिल रही है कि लोकसभा चुनाव से पहले मायावती एक बार फिर से ब्राह्मण वोट को लेकर तैयारी कर रही है। खबर के मुताबिक़ कई ब्राह्मण नेताओं से बसपा बात कर रही है और पार्टी को लग रहा है कि कुछ इलाको में ब्रह्मण उसके साथ खड़ा होंगे। ऐसा हुआ तो बीजेपी को भी झटका लग सकता है।

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