नई दिल्ली: दीपावली के दूसरे दिन सूर्य ग्रहण के ठीक 15 दिन बाद आठ नवंबर को कार्तिक माह की पूर्णिमा पर साल का आखिरी चंद्र ग्रहण (Lunar eclipse) लग रहा है। यह खंडग्रास चंद्र ग्रहण होगा और भारत के कई हिस्सों में दिखाई देगा। भारत में चंद्र ग्रहण शाम करीब 5:09 बजे से शुरू होगा और शाम 6.19 बजे तक रहेगा। भारत के अलावा यह चंद्र ग्रहण उत्तरी और दक्षिणी अमेरिका, एशिया, उत्तरी प्रशांत महासागर, ऑस्ट्रेलिया और हिंद महासागर में भी दिखाई देगा।
ज्योतिषाचार्यो के अनुसार ग्रहण (Lunar eclipse) के बाद एक महीने का समय काफी महत्वपूर्ण होता है इस समयावधि में कई प्राकृतिक आपदाएं ,मौसम में अचानक बदलाव हो सकते है। आंधी व भूकंप आने की आशंका बनी रहती है। प्रकाश के पर्व पर ग्रहण, विश्व में ऊर्जा संकट उत्पन्न कर सकता है। भारत में पूर्वी भाग में ही पूर्ण चंद्रग्रहण दिखाई देगा। अधिकांश क्षेत्रों से यह आंशिक रूप में देखने को मिलेगा।
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चंद्र ग्रहण का सूतक काल ग्रहण से नौ घंटे पहले शुरू हो जाएगा और ग्रहण की समाप्ति तक रहेगा। ग्रहण का सूतक काल अशुभ माना जाता है। इसीलिए सूतक काल शुरू होने के बाद पूजा पाठ या अन्य कोई धार्मिक कार्य नहीं करना चाहिए। इस समय यदि संभव हो तो बाहर की यात्रा करने से भी बचना चाहिए। ग्रहण के दौरान भोजन न ही पकाना चाहिए और न ही करना चाहिए। ग्रहण लगने से पहले खानेव पिने की चीजों में तुलसी के पत्ते डाल देना चाहिए। चंद्र ग्रहण के दौरान देवी-देवताओं के बीज मंत्र, भगवान विष्णु, गायत्री मंत्र अथवा महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने से ग्रहण का प्रभाव कम हो जाता है।