उत्तराखंड वन विकास निगमः काटे गये पेड़ की 90 फीसदी कीमत भूमि स्वामी के खाते में जाएगी
उत्तराखंड वन विकास निगम द्वारा काटे गये पेड़ों के करीब 32 लाख रुपये इस मद में जमा थे। ये सभी पेड़ वन विभाग की भूमि पर थे। अब वन विभाग के प्रमुख सचिव के आदेश के मुताबिक 30 लाख की रकम वन विकास निगम को वन विभाग के खाते में भेजनी होगी, जबकि बाकी रकम को दूसरे मदों के प्रयोग में होने वाले खातों में भेजी जाएगी।
देहरादून। उत्तराखंड वन विकास निगम के दो साल से लटका मामले का बुधवार को हल निकाल गया। वन विकास निगम द्वारा काटे गये पेड़ों की 90 फीसदी कीमत भूमि के स्वामी के खाते में भेजी जाएगी। इस संबंध में शासन की ओर से आदेश जारी कर दिये गये हैं।
वन विभाग के प्रमुख सचिव आरके सुधांशु ने इस आशय का आदेश जारी किया है। सुधांश द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि काटे गये पेड़ के मूल्य की 10 फीसदी कीमत वन विकास निगम के कटान, ढुलान आदि के लिए उसके खाते में जाएगी।
पेड़ों की 90 रकम जिस भूमि से पेड़ काटे जाएंगे, उस भूमि के स्वामी के खाते में सीधी भेजी जाएगी। चाहे भूमि का स्वामी वन विभाग हो या फिर किसी की निजी भूमि हो। जिसके नाम जमीन होगी, उसी के खाते में पेड़ों की राशि भेजी जाएगी।
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बता दें कि उत्तराखंड में विकास योजनाओं, कार्य परियोजनाओं, सड़क विकास योजनाओं व अन्य परियोजनों के लिए आवंटित भूमि पर लगे पेड़ों को वन विकास निगम द्वारा काटे जाते हैं। लेकिन पिछले दो साल से पेड़ों की कीमत की राशि किस खाते में भेजें, यह मामला लटका हुआ था। अब शासन ने इसका हल निकाला है।
उत्तराखंड वन विकास निगम द्वारा काटे गये पेड़ों के करीब 32 लाख रुपये इस मद में जमा थे। ये सभी पेड़ वन विभाग की भूमि पर थे। अब वन विभाग के प्रमुख सचिव के आदेश के मुताबिक 30 लाख की रकम वन विकास निगम को वन विभाग के खाते में भेजनी होगी, जबकि बाकी रकम को दूसरे मदों के प्रयोग में होने वाले खातों में भेजी जाएगी।