अपने बयानों को लेकर चर्चा में रहने वाले बीजेपी नेता नितिन गड़करी को पिछले हफ्ते बीजेपी संसदीय बोर्ड से हटा दिया गया था । गडकरी उद्यमियों की एक बैठक को संबोधित कर रहे थे, जहाँ उन्होने कहा कि व्यवसाय, सामाजिक कार्य या राजनीति में है, उसके लिए मानवीय संबंध सबसे बड़ी ताकत है. गडकरी ने कहा कि किसी को भी ‘इस्तेमाल करो फेको’ की दौर में नहीं शामिल होना चाहिए. अच्छे दिन हों या बुरे दिन, जब एक बार किसी का हाथ थाम लें, उसे थामें रहें. उगते सूरज की पूजा न करें. उन्होंने पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन की आत्मकथा का वाक्य याद रखना चाहिए कि हारने पर आदमी का अंत नहीं होता है, लेकिन जब वह हार मान लेता है तो वह खत्म हो जाता है.
नितीन गड़करी को नहीं पसंद कांग्रेस की विचारधारा
कांग्रेस को लेकर भी उन्होनें अपने विचार साझाँ किये । उन्होनें पुराने दिनों को याद करके कहाँ कि जब वह छात्र नेता थे तो कांग्रेस नेता श्रीकांत जिचकर ने उन्हें बेहतर भविष्य के लिए उन्हें कांग्रेस में शामिल होने को कहा था । इसके जबाव में उन्होनें कहा कि मैं कुएँ में कूदकर मरना पंसद करुगाँ लेकिन कांग्रेस में नहीं आऊगाँ, क्योकि मुझे कांग्रेस की विचारधारा नहीं पसंद हैं
मीडिया और आलोचकों पर गड़करी का गुस्सा
गुरूवार को भी गड़करी ने अपने आलोचको और मीडिया के प्रति अपना गुस्सा ज़ाहिर किया और कहा अपने राजनीतिक फायदों के लिए बयानों को गलत तरीके से पेश किया जा रहा हैं । उन्होंने आज कहा था कि मीडिया और सोशल मीडिया के एक वर्ग और कुछ लोगों द्वारा राजनीतिक फायदे के लिए मेरे खिलाफ घृणित और मनगढ़ंत अभियान जारी रखने के प्रयास किए जा रहे हैं और सार्वजनिक समारोहों में मेरे बयानों को बिना सही संदर्भ के बयां किया जा रहा है ।