Operation Hasta in Karnataka: केवल ऑपरेशन कमल ही कामयाब नहीं होता कर्नाटक में ऑपरेशन हस्त (Operation Hasta) भी कामयाब होता दिख रहा है। अगर इस ऑपरेशन ने सही तरीके से अंतिम रुप ले लिया तो बीजेपी के करीब डेढ़ दर्जन विधायक कांग्रेस में शिफ्ट कर सकते हैं। खबर इसकी तैयारी भी हो गई है और खासकर बीजेपी के दो विधायक अब सामने भी आ गए हैं। जो जानकारी मिल रही है उसके मुताबिक पूर्व मंत्री और बीजेपी विधायक एसटी सोमशेखर अब पूरी तरह से कांग्रेस में जाने को तैयार है। संभव है वे दो चार दिनों में ही पार्टी से विदा हो सकते हैं। वे अपनी विधायकी भी छोड़ सकते हैं। उनकी कांग्रेस से पूरी बात हो चुकी है। बीजेपी के दूसरे विधायक हैं शिवराम हेब्बार। ये भी किसी भी क्षण कांग्रेस का पट्टा पहन सकते हैं। सोमशेखर से जुड़े सूत्रों ने दावा किया है कि उनका कांग्रेस में जाना महज अब औपचारिकता भर की बात है। कह सकते हैं कि वे कांग्रेस में जा चुके हैं। लेकिन उनके समर्थकों ने दावा किया है कि राज्य की जो स्थिति है उसमें केवल सोमशेखर ही कांग्रेस के साथ नहीं जा रहे हैं बल्कि उनके हजारों समर्थक भी कांग्रेस की सदस्यता लेने को तैयार है।
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उधर कर्नाटक में बीजेपी को यह सब पता है और वह कुछ भी कर पाने में विवश है। यही वजह है कि कर्नाटक बीजेपी इकाई को दिल्ली आला कमान ने साफ़ तौर से कह दिया है कि जिन्हें जाना है उन्हें जाने दिया जाए। उन्हें कोई न रोके। दरअसल बीजेपी रोकना भी चाहेगी तो कोई रुकने को तैयार नहीं है। कर्नाटक में जो नेता अभी बीजेपी से कोंग्रेस में जा रहे हैं वे पिछले चुनाव के दौरान कांग्रेस छोड़कर ही बीजेपी में आये थे। कहा जा रहा है कि पूर्व कोंग्रेसी सभी विधायक अब बीजेपी को छोड़कर जाने को तैयार हैं। विधायक सोमशेखर ने कहा है कि यहाँ है ही क्या? नफरत की राजनीति है और हमारा दम घूंट रहा है। कभी भी ऐसे माहौल में रहा नहीं। एक पर पार्टी चलती है।
कर्नाटक से एक और बड़ी खबर सामने आ रही है। बीते विधान सभा चुनाव में सीएम सिद्धरमैया के खिलाफ वरुणा और चामराजनगर से चुनाव हारने वाले पूर्व मंत्री सोमन्ना भी कोंग्रेस में जाने को तैयार हैं। सोमन्ना की चाहत प्रदेश अध्यक्ष बनने की है और कहा जा रहा है कि पार्टी के निर्णय होने के बाद ही वे कुछ अगला फैसला करेंगे।
उधर कर्नाटक बीजेपी के सभी बड़े नेताओं ने बैठक भी की है। कहा जा रहा है कि बीजेपी प्रदेश में नए अध्यक्ष की नियुक्ति जल्द भी कर सकती है। अगर अध्यक्ष की नियुक्ति जल्द नहीं हुई तो कई विधायक बाहर निकलने को तैयार हैं। हालांकि बीजेपी ने साफ़ तौर पर कुछ विधायकों की सूची भी तैयार कर ली है जो कांग्रेस में जाने को तैयार हैं। अगर कुछ विधायक पार्टी से निकलते हैं तो बीजेपी कर्णाटक इकाई की मुश्किलें और भी बढ़ सकती है। सामने लोकसभा चुनाव में और फिर इसका असर लोकसभा चुनाव पर भी पड़ेगा।