प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi) ईटी ग्लोबल समिट को सम्बोधित करते हुए कहा कि आज देश के कई बदलाव हुए है और देश की जनता को इसका अनुभव भी हो रहा है। आज देश पर जनता को गर्व है। पीएम मोदी ने कहा कि बीते तीन वर्षों में जब विश्व, कभी कोरोना, कभी युद्ध, कभी प्राकृतिक आपदा की चुनौतियों से गुजर रहा था, तो उसी समय भारत ने और भारत के लोगों एक अभूतपूर्व शक्ति का प्रदर्शन किया। भारत ने दुनिया को दिखा दिया है किएंटी फ़्रागिल होने का असली मतलब क्या होता है। आप सोचिए, कहां पहले फ़्रागिल फाइव की बात होती थी, वहीं अब भारत की पहचान एंटी फ़्रागिल से होने लगी है। भारत ने दुनिया को पूरे विश्वास से दिखाया है कि आपदा को अवसरों में कैसे बदला जाता है।
पीएम मोदी (PM Modi) ने कहा कि 2014 में स्थिति ये थी कि लाखों करोड़ के घोटालों की वजह से देश की साख दांव पर लगी हुई थी। भ्रष्टाचार की वजह से गरीब, अपने हक की चीजों के लिए भी तरस रहा था। युवाओं की एस्पिरेशन, परिवारवाद और भाई-भतीजावाद की बलि चढ़ रहे थे। पॉलिसी पैरालिसिस की वजह से इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स में बरसों की देरी हो रही थी। ऐसे सोच और अप्रोच के साथ देश का तेजी से आगे बढ़ना मुश्किल था। इसलिए हमने तय किया कि सरकार की हर पुरानी चीज को तक करेंगे ताकि देश और व्यवस्था को आगे बधाई जा सके। हमें वह सब किया जो जरुरी था।
पीएम मोदी (PM Modi) ने कहा कि गरीबों के पास भी बैंक अकाउंट हो, गरीबों को भी बैंक से लोन मिले, गरीबों को अपने घर और प्रॉपर्टी के राइट्स मिले, उन्हें टॉयलेट ,बिजली ,भोजन बनाने के लिए गैस फिर तेज इंटरनेट कनेक्टिविटी मिले, इनकी पहले उतनी ज़रूरत ही नहीं समझी जाती थी। इस सोच को बदला जाना बहुत जरूरी था। कुछ लोग गरीबी हटाओं की बातें भले करते थे, लेकिन सच्चाई ये थी कि पहले गरीबों को देश पर बोझ माना जाता था। इसलिए उन्हें अपने हाल पर छोड़ दिया गया था। जबकि हमारा फोकस गरीबों को मजबूत करने पर है, ताकि वे देश की तेज़ ग्रोथ में अपने पूरे पोटेंशियल के साथ कंट्रीब्यूट कर सकें। डीबीटी का उदहारण आपकी भलीभांति नज़र इस पर गई होगी। आप जानते हैं कि हमारे यहां सरकारी योजनाओ में भ्रष्टाचार और बिचौलिए ये बातें आमतौर पर कॉमन थीं और समाज ने भी इसे स्वभाव से स्वीकार कर लिया था। सरकारों का बजट, सरकारों की खर्च बढ़ती गईं, लेकिन गरीबी भी बढ़ती गई। आज से 4 दशक पहले तब के प्रधानमंत्री राजीव गांधी जी ने कहा था कि वेलफेयर के लिए 1 रुपया दिल्ली से भेजते हैं तो लाभार्थी तक पहुँचते-पहुँचते वो 15 पैसा हो जाता है। कौन सा पंजा घिसता था मुझे मालूम नहीं है। हमारी सरकार अभी तक अलग-अलग स्कीम्स के तहत डीबीटी कल्याण योजना के अंतर्गत 28 लाख करोड़ रुपए ट्रांसफर कर चुकी है। अब आप सोचिये राजीव गांधी जी ने जो कहा था, उसी बात को अगर मैं आज के साथ जोडू तो एक रुपए में से 15 पैसा पहुँचने वाली बात को पकडू तो 85 प्रतिशत यानि 24 लाख करोड़ रुपए ये रकम किसी कि जेब में चली गई होती किसी ने लूट लिया होता, रफादफा हो गई होती।
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कभी नेहरू जी ने कहा था कि जिस दिन हर भारतीय के पास toilet की सुविधा होगी, उस दिन हम जान जाएंगे कि देश विकास की एक नई ऊंचाई पर है। मैं ये पंडित नेहरु जी की बात कर रहा हूँ। कितने साल पहले की होगी आप अंदाजा लगा सकते हैं। मतलब नेहरु जी को भी समस्या का पता था, लेकिन समाधान की तत्परता नज़र नहीं आई और इस वजह से देश का बहुत बड़ा हिस्सा लंबे समय तक मूल सुविधाओं से वंचित रहा।
पीएम मोदी (PM Modi) ने कहा कि आज भारत की समृद्धि में दुनिया की समृद्धि है, भारत की ग्रोथ में दुनिया की ग्रोथ है। भारत ने G-20 की जो थीम तय की है वन वर्ल्ड ,वन फैमिली ,वन फ्यूचर दुनिया की अनेक चुनौतियों का समाधान इसी मंत्र में है। साझा संकल्पों से, सबके हित की रक्षा से ही ये दुनिया और बेहतर हो सकती है। ये दशक और आने वाले 25 साल भारत को लेकर अभूतपूर्व विश्वास के हैं। सबके प्रयास से ही भारत अपने लक्ष्यों को तेजी से प्राप्त करेगा। मैं आप सभी का आह्वान करूंगा कि भारत की विकास यात्रा से ज्यादा से ज्यादा जुड़ें। और जब आप भारत की विकास यात्रा से जुड़ते हैं तो भारत आपकी विकास की गारंटी देता है, आज ये भारत का सामर्थ्य है।