महिला एवं बालिका से संबंधित प्रकरणों को निस्तारित करने लिए आगामी 15 जुलाई से 31 जुलाई, 2023 तक चलेगा विशेष अभियान
POCSO Act: 8 जुलाई को लखनऊ में हुए एक विशेष कार्यक्रम में मुख्य सचिव श्री दुर्गा शंकर मिश्र ने पॉक्सो (POCSO Act), महिला उत्पीड़न, सीसीटीएनएस (CCTNS) और आईटी (IT) सिस्टम के कामों की विस्तारपूर्वक समीक्षा की। इस बैठक में सचिव गृह श्री बीडी पॉलसन सहित पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारीगण आदि उपस्थित थे। वीडियो कॉन्फ्रेन्सिंग के माध्यम से जनपदों के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने भी बैठक में प्रतिभाग किया।
अपने संबोधन में मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने कहा कि 15 जुलाई से 31 जुलाई, 2023 तक महिला एवं बालिका से जुड़े अपराध से संबंधित प्रकरणों को शीर्ष प्राथमिकता पर निस्तारित करने लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा। इसके अतिरिक्त जल्द से जल्द पॉक्सो एक्ट एवं महिला संबंधी अपराधों में चार्जशीट न्यायालय में दाखिल कर मुकदमे की प्रभावी पैरवी कर अपराधियों को उचित सजा दिलायी जाये।
मुख्य सचिव ने यह भी कहा कि पॉक्सो एक्ट (POCSO Act) के मामलों में दो महीनों के अन्दर कार्रवाई पूरी की जाये। प्रकरणों को तेजी से निस्तारित कराने के लिए विवेचना अधिकारी के साथ साप्ताहिक समीक्षा की जाये। अपराधों में जल्द कार्रवाई होने से अपराध में कमी आयेगी और पुलिस के लिए लोगों में विश्वास भी बढ़ेगा।
उन्होंने आगे कहा कि पॉक्सो अधिनियम (POCSO Act) से जुड़े मामलों में एक जनपद द्वारा हर महीने कम से कम एक मामले में सजा दिलायी जाये। इस अपराध से जुड़े ऐसे मामले जिनमें मुल्जिमों, प्रदर्शों और गवाहों की संख्या कम हो और वैज्ञानिक सबूत मजबूत हों, को चिन्हित कर जल्द से जल्द निस्तारित कराया जाये।
इस बैठक में यह बताया गया कि 6 जुलाई, 2023 तक के आंकड़ों को अगर देखा जाए तो दुष्कर्म व पॉक्सो एक्ट के तहत लम्बित मामलों के निस्तारण में उत्तर प्रदेश 97.80% के साथ देश में दूसरे स्थान पर मौजूद है।
इन मामलों में दो महीनों से ज्यादा समय तक जांच लंबित होने के मामलों में उत्तर प्रदेश का 0.30% के साथ देश में दूसरा स्थान है। इसी प्रकार दर्ज एफआईआर (FIR) में दो महीनों के अंदर जांच प्रक्रिया पूरी करने में उत्तर प्रदेश का स्थान पांचवा है।
अभियोजन विभाग की समीक्षा के अनुसार पॉक्सो अधिनियम के तहत अभी तक किन जगहों पर कितनी कार्रवाई की जा चुकी है:
- आकड़ों की बात करें तो जनवरी, 2023 में जनपद बहराइच, महराजगंज, अम्बेडकरनगर, बलिया, अमरोहा एवं बुलन्दशहर पॉक्सो अधिनियम के तहत 1 महीने में 1-1 सजा करायी जा चुकी है।
- इसी प्रकार अगर फरवरी, 2023 की बात करें तो जनपद बदायूं, जालौन एवं फतेहगढ़ और अप्रैल, 2023 में जनपद अमरोहा में, मई, 2023 में जनपद बहराइच, जौनपुर, चित्रकूट, हरदोई द्वारा 1-1 सजा तथा जनपद बलिया द्वारा 2 सजा एवं जनपद मथुरा द्वारा मृत्युदण्ड की सजा करायी गयी। वहीं जून, 2023 में जनपद बलिया द्वारा 1 सजा करायी गयी है।
- इसके अलावा जनवरी, 2023 में पॉक्सो अधिनियम के अन्तर्गत पूरे प्रदेश में 252 वादों में 303 अभियुक्तों को सजा करायी गयी। फरवरी, 2023 में 254 वादों में 304 अभियुक्तों, मार्च, 2023 में 280 वादों में 371 अभियुक्तों, अप्रैल, 2023 में 264 वादों में 307 अभियुक्तों, मई, 2023 में 205 वादों में 235 अभियुक्तों, जून, 2023 (दिनांक 15.06.2023 तक) में 85 वादों में 98 अभियुक्तों को सजा करायी गई।
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तकनीकी सेवाओं की समीक्षा करते हुए बताया गया कि डकैती लूट, हत्या, बलात्कार, पॉक्सो, गौ हत्या, गौ तस्करी, धर्म संपरिवर्तन जैसे जघन्य अपराधों की समीक्षा करने के लिये मुख्यालय द्वारा Important Crime Monitoring Portal बनाया गया है, इसके जरिये जघन्य अपराधों की समीक्षा की जा रही है।
उत्तर प्रदेश पुलिस तकनीकी सेवा मुख्यालय, लखनऊ द्वारा चिन्हित मुकदमों की विवेचनाओं एवं चिन्हित वादों की पैरवी करने के लिए “INVESTIGATION, PROSECUTION AND CONVICTION MONITORING PORTAL” विकसित किया गया है।
पोर्टल के जरिये वादों की चिन्हित मुकदमों की विवेचना से जुड़ी सूचनायें, माननीय न्यायालय में अद्यतन स्थिति की सूचनायें, चिन्हित प्रकरणों में माननीय न्यायालय द्वारा दोषमुक्त /उन्मोचित वादों में अपील की अद्यतन स्थिति की समीक्षा सम्बन्धित जोन एवं रेंज अधिकारी द्वारा की जा सकती है। विधि विज्ञान प्रयोगशाला में 2020 के सापेक्ष प्रदर्श के निस्तारण में 94.28 % की बढ़ोतरी हुई है।