Rajasthan Jaipur News: कहते हैं जब रक्षक ही भक्षक बन जाए तो आम आदमी की सारी उम्मीदें खत्म हो जाती हैं। ऐसा ही मामला व्यावर राजस्थान में देखने को मिला जब पुलिस ने एक ट्रांसपोर्ट मालिक से चौथे महीने की वसूली मांगनी शुरू कर दी। पीड़ित का व्यापार ट्रांसपोटर्स का था, तो उसने विजयनगर पुलिस थाने के 2 सिपाहियों को 10,000 रुपए देना शुरू कर दिया लेकिन ये 10,000 रुपए कब 2 करोड़ 50 लाख तक आ गए इसका खुलासा खुद पीड़ित ने बताया। शम्भू सिंह ने बताया कि, पहले तो सिर्फ 10,000 रुपए की बात थी पर पुलिस का जुल्म इतना बढ़ता गया कि में परेसान होने लग गया। पुलिस ने पैसे वसूलने के लिए मुझे हनीट्रैप में भी फसा दिया। मैं कुछ दिन जेल भी चला गया, मेने इतनी यातनाएं झेली है जिसको मैं बयां भी नही कर सकता। अब न्यायालय ने फिर से जांच करवाने के लिए पूरा केस SOG को देने के लिए बोला है। अगर SOG सही से जांच करती है तो पूरा पुलिस महकमा ही सवालों के घेरे में आ जाएगा। हमने तो जांच CBI से करवाने की मांग की है। साथ ही शम्भू सिंह ने ये भी बताया कि, मेंने पैसे भी ट्रांसफर किए है वो सभी ऑनलाइन किए है। इससे ये भी साफ हो गया है कि ये सभी पेमेंट पुलिस के बताए अधिकारियों के खातों में गए है। इसमे थाने के SHO, SP, ASI, सिपाही,सब को ऑनलाइन ट्रांसफर किए है। अब लगातार पुलिस मेरे परिवार को और मिलने वालों को धमकी दे रही है कि राजीनामा कर लो। मैं पिछले कुछ महीने से घर भी नही गया हूं क्योंकि बार-बार मुझे जान से मारने की धमकी दी जा रही है। मैं छुपता फिर रहा हूं पुलिस से अब पुलिस ने जो पैसे लिए है वो मुझे वापस करने के लिए बोल रही है, लेकिन अब मामला कार्ट में तो मैं बस अब न्याय की मांग कर रहा हूं और दोषी पुलिस कर्मियों को सजा मिले बस।
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