भोपाल में पीएम मोदी के बयान पर गरमाई राजनीति ,विपक्ष ने किया हमला
प्रधानमंत्री मोदी ने भोपाल में विपक्ष पर कड़ा हमला करते हुए घोटालों की गारंटी वाली एकता कहा है और इसके साथ ही सामान नागरिक संहिता पर भी बयान दिया है। लेकिन अब विपक्ष भी पीएम मोदी पर तंज कसने का काम किया है। कांग्रेस महासचिव बेणुगोपाल ने कहा है कि पीएम मोदी बेरोजगारी ,गरीबी ,महंगाई और मणिपुर की हालत पर बात क्यों नहीं करते ?मणिपुर दो महीने से जल रहा है ,एक बार भी उन्होंने शांति की अपील नहीं की है। इन मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए वे कई तरह की बातें कर रहे हैं।
उधर पीएम मोदी सामान नागरिक संहिता पर किये गए टिप्पणी पर ओवैसी ने भी हमला किया है।
ओवैसी ने कहा है कि प्रधानमंत्री को यह समझने की जरूरत है कि अनुच्छेद 29 एक मौलिक अधिकार है। मुझे लगता है कि प्रधानमंत्री को यह समझ नहीं आया। संविधान में धर्मनिरपेक्षता की बात है। इस्लाम में शादी एक कॉन्ट्रैक्ट है ,हिन्दुओं में जान जन्म का साथ है। क्या आप सबको मिला देंगे ? भारत की विविधता को वे एक समस्या मानते हैं।
उधर जदयू ने भी मोदी पर हमला किया है।
जदयू नेता केसी त्यागी ने कहा है कि यह सामान नागरिक संहिता एक ऐसा विषय है जिस पर सभी राजनीतिक दलों को एक साथ बात करनी चाहिए। बीजेपी सिर्फ वोट की राजनीति करती है जिसमे धार्मिक ध्रुवीकरण हो। उधर बिहार सरकार के मंत्री विजय कुमार चौधरी ने भी कहा है कि प्रधानमंत्री मोदी द्वारा गठित विधि आयोग ने विचार कर जो रिपोर्ट दी है उसमे उन्होंने सामान नागरिक संहिता को सही नहीं ठहराया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इस देश में इसकी आवश्यकता नहीं है।
पीएम मोदी के बयान पर डीएमके नेता टीकेएस एलंगोवन ने कहा है कि सामान नागरिक सबसे पहले हिन्दू धर्म में लाई जानी चाहिए। एससी /एसटी सहित प्रत्येक व्यक्ति को देश के किसी भी मंदिर में पूजा करने की अनुमति दी जानी चाहिए। हाँ यूसीसी नहीं चाहते क्योंकि संविधान ने हर धर्म को सुरक्षा दी है।
दरसला पीएम मोदी ने भोपाल में कहा कि सामान नागरिक संहिता के नाम पर लोगों को भड़काया जा रहा है। लोगों को भड़काने का काम चल रहा है। देश दो कानूनों पर कैसे चल सकता है ?भारत के संविधान में भी नागरिको के सामान अधिकार की बात कही गई है। सुप्रीम ने बार – बार कहा है कि सामान नागरिक संहिता लाओ लेकिन ये वोट बैंक के भूखे लोग हैं।