सनातन धर्म की रक्षा हमारा सर्वोपरि कर्तव्य-श्री महंत नारायण गिरी जी
Sanatan Dharma: अमर बलिदानी मेजर आशाराम त्यागी सेवा संस्थान विगत अनेक वर्षों के श्राद्ध पक्ष के अंतिम रविवार को सनातन धर्म (Sanatan Dharma) और भारत राष्ट्र के लिये अपने प्राण देने वाले अमर बलिदानियों के सम्मान में श्रद्धासुमन समर्पित करने के लिये तर्पण-एक महाश्राद्ध का आयोजन करता है जिसमें हवन और दीप यज्ञ के माध्यम से अमर बलिदानियों को श्रद्धांजलि अर्पित की जाती है और पूरे देश से विख्यात वीर रस के कवि अपनी रचनाओं से श्रद्धासुमन समर्पित करते हैं।
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इस वर्ष यह कार्यक्रम श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़ा और दिल्ली सन्त महामंडल के मार्गदर्शन और संरक्षण में अमर बलिदानी मेजर आशाराम त्यागी सेवा संस्थान के तत्वावधान में दो दिवसीय सनातन कॉन्क्लेव के रूप में मनाया जा रहा है।
अमर बलिदानी मेजर आशाराम त्यागी सेवा संस्थान के कार्यकर्ताओं ने इस विषय पर चर्चा के लिये आज आर डी सी स्थित कृष्णा सागर में श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता और दिल्ली संत महामंडल के अध्यक्ष श्रीमहन्त नारायण गिरी जी महाराज की अध्यक्षता में एक बैठक का आयोजन किया। जिसमें शिवशक्ति धाम डासना के पीठाधीश्वर व श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी जी महाराज व सुप्रसिद्ध हिंदूवादी विचारक व लेखक श्री विनोद सर्वोदय जी ने भी भाग लिया।
बैठक में श्रीमहन्त नारायण गिरी जी महाराज ने अपने अध्यक्षीय सम्बोधन में अमर बलिदानी मेजर आशाराम त्यागी सेवा संस्थान की टीम को उनकी इस पहल के लिये आशीर्वाद और साधुवाद देते हुए कहा कि सनातन धर्म (Sanatan Dharma) की रक्षा हमारा सर्वोच्च कर्तव्य है।इसके लिये हम हर सम्भव प्रयास करेंगे। अब दुनिया को सनातन का महत्व समझाने का समय आ चुका है। संत सदैव समाज के साथ मिलकर धर्म की रक्षा के लिये लड़ते रहे हैं। अब फिर वैचारिक संघर्ष के लिये हम बिल्कुल तैयार हैं।
कार्यक्रम के विषय में बताते हुए संस्थान के अध्यक्ष श्री मुकेश त्यागी जी ने कहा कि इस वर्ष यह कार्यक्रम श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़े और दिल्ली सन्त महामंडल के मार्गदर्शन में किया जा रहा है। जिसकी अध्यक्षता श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक स्वामी हरिगिरि जी महाराज करेंगे। श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता व दिल्ली सन्त महामंडल के अध्यक्ष दूधेश्वरनाथ पीठाधीश्वर स्वामी नारायण गिरी जी महाराज के संरक्षण और मार्गदर्शन में होने वाला यह कार्यक्रम अमर बलिदानियों को श्रद्धांजलि के साथ ही सनातन धर्म (Sanatan Dharma) के मूल सिद्धांतो पर चर्चा करने के लिये आयोजित किया जा रहा है। आज सनातन की रक्षा के लिये सनातन के मूल सिद्धांतों को विश्व के समक्ष रखना अति आवश्यक हो गया है। सनातन कॉन्क्लेव इस कार्य की एक शुरुआत भर है। अपने धर्म की रक्षा के लिये जो भी कुछ करना पड़ेगा, वो हम अवश्य ही करेंगे।