देहरादून। शहर के शांतिनगर के नागा घेर में सोमवार सुबह एक परिवार के पांच सदस्यों की हत्या की खबर से इलाके में सनसनी फैली गयी। इन हत्याओं को अंजाम किसी बाहरी बदमाशों ने नहीं बल्कि घर के मुखिया ने ही अंजाम दिया। पेशे से पुजारी का काम करने वाले व्यक्ति ने ही अपनी बुजुर्ग मां, बीबी और तीन बेटियों को चाकू से गोदकर मार डाला। हत्यारोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है, लेकिन अभी तक पूरे परिवार की हत्या किये जाने के कारणों का पता नहीं चल सका है।
शांतिनगर के नागा घेर में करीब चालीस वर्षीय महेश तिवारी कई सालों से रह रहा था। मूल रुप से उत्तर प्रदेश के बांदा जनपद के रहने वाला महेश यहां अपनी 75 वर्षीया मां बीतन देवी, पत्नी नीतू देवी (37) व तीन बेटियों अर्पणा(13), स्वर्णा उर्फ गुल्लो (11) और छोटी बेटी अन्नपूर्णा(9) के साथ रहता था। वह यहां रहकर पूजा पाठ का काम करके परिवार का भरण पोषण कर रहा था।
बताया गया है कि रविवार को महेश तिवारी और उसके परिवार के लोग बिल्कुल सही थे। महेश को देखकर किसी भी दृष्टि से वह परेशान अथवा गुस्से में नहीं लग रहा था। रात को किसी समय महेश ने सोते समय अपनी मां, पत्नी व बेटियों से गोदकर हमेशा के लिए सबको गहरी नींद सुला दिया। परिवार के लोगों को हत्या के बाद महेश घर में मौजूद रहा। सुबह जैसे ही घटना का पता चला, आसपास के लोगों ने महेश तिवारी को पकड़ लिया और पुलिस को सूचना दी।
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सूचना पाकर एसएसपी दलीप सिंह व एसपी कमेलश उपाध्याय भी मौके पर पहुंचे और घटनास्थल को निरीक्षण कर आसपास के लोगों से घटना के बारे में जानकारी ली। एसपी कमेलश उपाध्याय का कहना है कि महेश तिवारी की मानसिक स्थिति अभी ठीक नहीं है, जिससे हत्याओं के कारण पता नहीं चल सके हैं। जानकारी में आया है कि आरोपी की मां की मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी और उसकी एक बेटी भी दिव्यांग थी।
आशंका जतायी जा रही है कि उनसे पीछा छुड़ाने के लिए उसने घटना को अंजाम दिया हो और परिवार के अन्य सदस्यों के विरोध करने पर उसने उनकी भी हत्या कर दी हो। फिलहाल शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। आरोपी से गहन पूछताछ के बाद ही हत्या के सही कारणों का पता चल सकेगा।