Rajasthan Election 2023 News! इस बार राजस्थान में सब कुछ साफ़ नहीं है। न बीजेपी के लिए और न ही कांग्रेस के लिए। आप कह सकते हैं कि सरकार तो इन्ही दो पार्टियों की बनेगी लेकिन कैसे बनेगी कोई नहीं जानता। दूसरा सबसे बड़ा सच यही है कि मौजूदा समय में जो मीडिया दृश्य को दिखा रहा है उसमे सौ फीसदी का झूठ शामिल है। एकतरफा बात की जा रही है। या तो कांग्रेस की बात की जा रही है या फिर बीजेपी के सपोर्ट में माहौल बनाने की बात की जा रही है।जनता को भ्रमित कर दिया गया है।
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चुनाव परिणाम चाहे जिसके पक्ष में हो लेकिन कुछ पार्टियों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। बीजेपी सरकार बना ले या फिर से कांग्रेस की वयसि हो जाए यह कुछ भी हो सकता है लेकिन करीब आधा दर्जन पार्टियों का खेल इस बार दो बड़े दलों के सभी समीकरण को ख़राब कर रहे हैं और परिणाम भी ख़राब ही आ सकते हैं।
ओवैसी की पार्टी को इस बार कमजोर नहीं समझा जाए। ओवैसी की पार्टी करीब तीन दर्जन सीटों पर मैदान में उतर रही है। ये सीटें मुस्लिम बहुल है और यहाँ कभी कांग्रेस की ही जीत होती रही है। बीजेपी भी कुछ सीटों पर हनक रखती है। लेकिन जिस तरह से मुस्लिम बहुल सीटों को कैटर करने के लिए ओवैसी खेल कर रहे हैं उससे साफ़ है कि कांग्रेस को बड़ा नुक्सान हो सकता है। कहा जा रहा है कि कोई आधा दर्जन सीट पर ओवैसी इस बार बड़ा खेल करने को तैयार है। या तो इन सीटों पर ओवैसी ,की पार्टी की जईरत होगी या फिर कांग्रेस और बीजेपी की हार होगी। अगर यह खेल सफल हो गया तो इन दोनों पार्टियों को बड़ा नुक्सान हो सकता है और फिर कांग्रेस की वापसी बी ही मुश्किल हो सकती है। कांग्रेस को सबसे जतदा चुनती अभी ओवैसी की पार्टी से ही है।
उधर बेनीवाल और चंद्रशेखर की पार्टी का गठजोड़ भी बीजेपी को परेशान किये हुए हैं। यह दलित और जाट का गठजोड़ है। यह गठबंधन सभी 200 सीटों पर चुनाव लड़ रहा है। और कहा जा रहा है कि इस बार दो दर्जन सीटों को टारगेट करके यह गठबंधन चुनाव लड़ रहा है। अगर दर्जन बी हर सीटों को भी इस गठबंधन ने प्रभावित कर दिया तो खेल बिगड़ सकता है। कांग्रेस या बीजेपी कही का नहीं रह सकती है।
बसपा भी पूरी ताकत के साथ चुनाव मैदान में हैं। कुछ इलाकों में आज भी बसपा की ताकत है और हर चुनाव में बसपा चुनाव भी जीत रही है। पिछले चुनाव में भी 6 सीटों पर बसपा की जीत हुई थी। खबर ये है कि बसपा इस बार दो दर्जन सीटों पर ज्यादा फोकस कर रही है। बसपा के लोग कह रहे हैं कि लड़ने के लिए हम सभी सीटों पर लड़ रहे हैं लेकिन इस बार हाँ दो दर्जन सीट जीत गए तो सत्ता की चाभुइ हमारे पास होगी। प्रदेश की जनता लगातार कांग्रेस और बीजेपी के चक्कर में परेशान होती रही है। लेकिन इस बार खेल बदल सकता है।
इसके साथ ही कई और पार्टियां मैदान में है। आप पार्टी भी पूरी ताकत के साथ चुनाव लड़ रही है। आप के लोग कह रहे हैं कि लड़ने को हम सभी सीटों पर लड़ रहे हैं लेकिन हम दो दर्जन सीटों पर फिक्स किये हुए हैं। अगर कुछ सीटें हमें मिल गई तो खेल बदल सकता है।
ऐसे में साफ़ है कि सत्ता की लड़ाई में भले ही कांग्रेस और बीजेपी के बीच घमासान मची हो लेकिन सत्ता किसी प्राप्त होगी और किस आधार पर होगी इसका निर्णय ये दोनों पार्टियां नहीं कर सकती। इस बार सत्ता की लड़ाई में कुछ पार्टियों की भूमिका होगी। अगर भूमिका बड़ी हुई तो खेल भी बड़ा और अलग हो सकता है।