Gyanvapi Masjid Case: देश के जाने पहचाने और सबसे अहम मुद्दों में से एक ज्ञानवापी (Gyanvapi case) एक बार फिर से चर्चा में है। आपको बता दें कि जांच की ओर पहुंचे इस मुद्दे पर फिलहाल फिर से रोक लग गई है। ज्ञानवापी मस्जिद के एएसआई (ASI) सर्वे पर सुप्रीम कोर्ट ने विराम लगा दिया है। दरअसल जिला जज की तरफ से हिंदूओं की मांग पर मस्जिद परिसर का वैज्ञानिक सर्वे कराने के लिए आदेश जारी किया था।
आदेश के तहत एएसआई की 4 टीमें ज्ञानवापी (Gyanvapi case) का सर्वे करने पहुंची थी। लेकिन मुस्लिम पक्ष ने आपत्ति जता सर्वे पर रोक लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) तक जा पहुंचा और मुस्लिम पक्ष ने जांच की तत्काल रुकवाई की मांग की। जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने एसआई सर्वे पर रोक लगा दी। सुप्रीम कोर्ट की तरफ से पूरे दो दिन यानी की 26 जुलाई शाम 5 बजे तक रोक लगाई गई है। जिसके बाद मस्जिद परिसर पर हो रही एएसआई सर्वे रोक लगा दी गई है। सुप्रीम कोर्ट का ये फैसला मुस्लिम पक्ष के लिए राहत के तौर पर देखा जा रहा है तो हिंदू पक्ष के लिए थोड़ी मुश्किलें पैदा करती हुई दिख रहा है।
साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष से हाई कोर्ट जाने के लिए कहा है। सुप्रीम कोर्ट ने तय किया कि दो दिनों के अंदर ही मुस्लिम पक्ष को सर्वोच्च न्यायालय जाना होगा जहां अपने तर्क देने होंगे ताकि सर्वे पर लगाई गई रोक जारी रह सके। जिसके बाद वाराणसी के जिला डीएम के सवालों पर कहा कि हम देश की सर्वोच्च न्यायालय का सम्मान करते हैं उनका आदेश देश के लिए सर्वोपरि है। हम सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन पूरे सम्मान के साथ करेंगे।
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इसी के साथ सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस पूरे मामले पर जो फैसला सुनाया गया है वो बुधवार शाम 5 बजे तक के लिए ही है। सुनवाई के दौरान कोर्ट की तरफ से ये भी कहा गया है कि इस मामले में मस्जिद मैनेजेंट कमेटी को हाईकोर्ट जाना चाहिए आप वहां क्यों नहीं गए। इस पर मुस्लिम पक्ष ने जवाब दिया कि हाई कोर्ट के मुताबिक कोई परीक्षण नहीं किया जाएगा। इसके बावजूद जिला जज ने सर्वे की अनुमति दें दी। इस वजह से मुझे सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा।
बता दें कि ज्ञानवापी (Gyanvapi case) के एएसआई सर्वे को लेकर हिंदू पक्ष की ओर से पहले भी कई बार मांग की जा चुकी है। जिस पर ये तय हुआ था कि मस्जिद के परिसर के चारों ओर ही सर्वे किया जाएगा। जिस पर भी कई सारी शर्तें थी कि खुदाई जैसी कार्रवाई नहीं की जाएगी। नहीं तो ढांचे की खुदाई से कोई अपूरणीय क्षति हो सकती है साथ ही तमाम सारी बातों को रखा गया था। इस फैसले से हिंदू पक्ष को कहीं न कहीं झटका जरूर लगा है।