River Rafting In Rishikesh: उत्तराखंड एक ऐसा राज्य है जो पूरे तरीके से पर्यटक पर निर्भर है। इस राज्य में हर रोज लाखों लोग घूमने आते हैं और जो भी यहां आता है वह ये ही का हो जाता है। उत्तराखंड में बसा ऋषिकेश जो पहाड़ के बीच में है माना जाता है कि यहीं से गंगा मैदानी इलाके में आती है। गंगा नदी के तट पर बसा ऋषिकेश शहर हर तरीके से अच्छा है। यहां आध्यात्मिक, प्रकृति, वन्य जीव से लेकर अडवेंचर ऐक्टिविटी तक होती है। यहां आये लोगों काफी गतिविधि भी करते है जैसे कि बंजी जंपिंग, स्काई साइकिलिंग, रिवर राफ्टिंग, पैराग्लाइडिंग, मेडिटेशन और योग और रिवर राफ्टिंग।
माना यह भी जाता है कि यहां आए ज्यादा लोग रिवर राफ्टिंग जरुर करते है। इसी बीच पर्यटकों के लिए एक खबर सामने आई है, बता दें कि रिवर राफ्टिंग का आज आखिरी दिन है और एक जुलाई से गंगा में राफ्टिंग नहीं होगा हालांकि जो लोग ऋषिकेश में राफ्टिंग करने गए है उनको अब दो महीने और इंतजार करना होगा। जुलाई और अगस्त में राफ्टिंग का बंद रहेगा और एक सितंबर से गंगा में दोबारा राफ्टिंग शुरू कराई जाएगी। दरअसल पहाड़ी क्षेत्रों में बारिश की वजह से गंगा का जलस्तर बढ़ गया है। जिस वजह से राफ्टिंग करने में काफी समस्या होती है।
वहीं नदी के जलस्तर को देखते हुए 30 जून के बाद कौड़ियाला, मरीन ड्राइव, शिवपुरी, ब्रह्मपुरी और क्लब हाउस से रिवर राफ्टिंग को बंद कर दिया जाता है। वहीं राफ्टिंग करने वालो के लिए आज यानी 30 जून मात्र एक दिन है जिसमें वह खेल सकते हैं। गंगा नदी रिवर राफ्टिंग समिति के साहसिक खेल अधिकारी खुशाल सिंह नेगी ने बताया कि एक जुलाई से गंगा में बंद हो जाएगा। वहीं नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी।
रिवर राफ्टिंग क्या होता है
गंगा नदी की लहरों के बीच नाव में सवार होना काफी अच्छा होता है और होकर एक जगह से दूसरी जगह गुजरने का एक अलग ही मजा आता है। पहाड़ों के बीच गुजरती गंगा नदी की उठती लहरों में राफ्टिंग करने का अपना के अलग अडवेंचर हैं। ऋषिकेश का रिवर राफ्टिंग इतना लोकप्रिय है कि कई बॉलिवुड के फिल्मों में भी इसे दिखाया गया है बता दें कि सबसे लंबी कौडियाला से लेकर लक्ष्मण झूला तक का होता है जो कुल 36 किलोमीटर की होती है।