नागपुर। राष्ट्रीय स्वयं सेवक (RSS) मोहन भागवत ने बुधवार को कहा कि देश में जनसंख्या के लिए समग्र नीति होनी जरुरी है। हम जनसंख्या असंतुलित होने के दुष्परिणाम भुगत चुकी है। जनसंख्या असंतुलित होने से कारण कई नये देशों बन चुके हैं। भारत का परम वैभव ही हमारा लक्ष्य है।
मोहन भागवत यहां राष्ट्रीय स्वयं सेवक (RSS) को 97वें स्थापना दिवस पर बोल रहे थे। उन्होने कहा कि बच्चों को शिक्षा देने से पहले उन्हें संस्कार की जररुत है। अंग्रेजी का जीवन के लिए जरुरी बताया जाता है। लेकिन शिक्षा मातृभाषा में दी जानी चाहिए। शिक्षा संस्कार युक्त, रोजगारोन्मुख, शोषण मुक्त होनी चाहिए।
RSS प्रमुख ने जोर दिया कि समाज का सत्य की रक्षा के लिए एकजुट होना आवश्यक है। समाज में सकारात्मक बदलाव जरुरी है। हमें सामाजिक संयम दिखाना होगा। रोजगार के लिए हमें सरकार पर निर्भर न रहकर स्वरोजगार से आत्मनिर्भर बनने होगा।
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उन्होने बढती जनसंख्या को बोझ न बताकर उसका सही उपयोग कर साधन बनाने पर जोर दिया। भागवत का कहना था कि चीन की जनसंख्या भारत से ज्यादा है, मगर वह बूढी है। भारत में 57 करोड़ युवा हैं। हम इनकी शक्ति को विश्व में शांति स्थापित करने व देश के विकास के करके भारत को ऊंचाई दे सकते हैं।
बता दें कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक (RSS) की स्थापना विजयदशमी के ही दिन 1925 को हुई थी। तब इसमें केवल पांच लोग शामिल थे। इस समय देश भर में 56 हजार से भी ज्यादा शाखाएं हैं। इनसे लाखों लोग जुड़े हैं। 1936 में महिलाओं को भी राष्ट्रीय स्वयं सेवक (RSS) में शामिल किया गया था।