नई दिल्ली: विदेश मंत्री जयशंकर (S. Jaishankar) अचानक यूरोप पर भड़क पड़े है. उन्होंने अपने जर्मन समकक्ष एनालेना बेयरबॉक के साथ बैठक के बाद रूस से भारत के तेल आयात का मजबूती से बचाव करते हुए कहा है कि जैसे यूरोप अपनी ऊर्जा प्राथमिकता के अनुरूप कोई और विकल्प नहीं बना सकता है, उसी तरह भारत से भी कुछ करने को नहीं कह सकता है.
यूरोपीय संघ ने 6 गुना ज्यादा तेल का आयात
एस जयशंकर (S. Jaishankar) ने ये कहा कि यूरोपीय संघ ने रूस और भारत से 6 गुना ज्यादा तेल का आयात किया है, और कोयले का आयात भी भारत की तुलना में 50% ज्यादा है. आपको बता दें कि एस. जयशंकर और जर्मन के विदेश मंत्री के बीच पाकिस्तान का भी मुद्दा उठा जिस पर जयशंकर ने दो टूक शब्दों में कहा कि बिना आतंकवाद का हल निकाले पाकिस्तान से बातचीत नहीं हो सकती है.
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विदेश मंत्री ने कच्चे तेल पर की चर्चा
सोमवार को जर्मनी और भारत ने ऊर्जा, जलवायु परिवर्तन और कारोबार समेत द्विपक्षीय सहयोग को प्रगाढ़ करने एवं यूक्रेन संकट सहित वैश्र्विक मुद्दों पर सोमवार को विस्तृत चर्चा की तथा समग्र प्रवासन और आवाजाही के साझेदारी समझौते पर अपने हस्ताक्षर किए है. बता दें कि रूस से कच्चे तेल का बचाव करते हुए विदेश मंत्री जयशंकर (S. Jaishankar) ने कहा कि पिछले नौ महीने में यूरोपीय देशों ने इसकी जितनी खरीद की है, भारत उसका छठा हिस्सेदार है.
अफगानिस्तान में स्थिति, पाकिस्तान से जुड़े मुद्दे, सीरिया की स्थिति हिंद प्रशांत, यूक्रेन संकट, सहित क्षेत्रीय और वैश्र्विक विषयों पर अपने विचारों का आदान-प्रदान किया. जर्मनी की विदेश मंत्री एनालेना बेयरबॉक के साथ जयशंकर ने द्विपक्षीय सहयोग के साथ विविध आयामों पर विस्तृत चर्चा की.
बैठक के बाद एनालेना बेयरबॉक के साथ जयशंकर (S. Jaishankar) ने प्रेस संबोधन में कहा कि भारत और रूस के कारोबार को बढ़ाने के बारे में चर्चा यूक्रेन संघर्ष के बहुत पहले ही शुरु हो गई थी. जयशंकर ने कच्चे तेल के आयात पर कहा कि यह बाजार से जुड़े हुए कारकों से प्रेरित है. ये भी कहा कि फरवरी से नवंबर तक यूरोपीय संघ ने रूस से अधिक मात्रा में जीवाश्म ईंधन का आयात किया है.