महोबा: यहां शहर कोतवाली क्षेत्र के बजरंग चौक, सुभाष नगर में रहने वाले एक बुजुर्ग प्रमोद उदैनिया ने पुलिस प्रताड़ना के तंग आकर अपने घर में फांसी लगाकर अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली। परिजनों से सैंकड़ों स्थानीय लोगों से साथ शव को बजरंग चौक पर रखकर सड़क पर जाम लगा दिया। उनका कहा था कि जब तक बुजुर्ग का उत्पीड़न करने वाले दारोगा के खिलाफ मामला दर्ज कर कड़ी कार्रवाई नहीं की जाती, तब तक वे शव को पोस्टमार्टम नहीं कराएंगे।
बताया गया है कि प्रमोद उदैनिया बीमा एजेंट था। कई साल पहले उन्होने चिटफंड कंपनी में पैसे लगवाये थे, लेकिन चिटफंड कंपनी अब उनका पैसा वापस नहीं दे रही थी। चिटफंड कंपनी में लगाए पैसे न मिलने के चलते ने प्रमोद उदैनिया ने अदालत में 156/3 के तहत प्रार्थना पत्र दिया था। अदालत के आदेश पर पुलिस ले चिट फंड कम्पनी के 6 कर्मचारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था।
आरोप है कि प्रमोद उदैनिया को थाने बुलाया था और चरखारी पुलिस ने उन पर आरोपियों से समझौते के लिये दवाब बनाया था और दवाब बनाने के लिए ही काफी समय तक थाने में बिठाकर मानसिक उत्पीड़न कराया था। जब प्रमोद उदैनिया घर पहुंचे, तो पुलिस के दबाब के कारण काफी परेशान थे, जिससे घर में जाकर उन्होने रात में फांसी लगा ली।
दावा किया जा रहा है कि जिस दरोगा ने प्रमोद उदैनिया पर आरोपियों से समझौता करने के लिए दवाब बनाया था,वह घटना से बेख़बर होकर प्रमोद के परिजनों को सुबह तक समझौता न करने पर धमकियां देता रहा था। इस दारोगा के खिलाफ कार्रवाई को लेकर परिजनों ने बुर्जुग का शव मुख्य सड़क पर रखकर घंटों जाम लगाया। बाद में उच्च अधिकारियों ने दारोगा के खिलाफ कार्रवाई करने का आश्वासन देकर बड़ी मुश्किल से समझा-बुझाकर मृतक के परिजनों को शव को पोस्टमार्टम के लिए पुलिस को सौंपा।