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शाह ने लोकसभा में पेश किए तीन नए विधेयक, ओवैसी भाईजान ने जताई नाराजगी!

The  new bil pass Lok Sabha: गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में तीन नए आपराधिक विधेयक पेश किए। इन विधेयकों के बाद CrPC और IPC जैसे कानूनों में बड़ा बदलाव हो जाएगा। इन विधेयकों के कानून बनने के बाद गुलामी के दौर से चले आ रहे हैं कानून बदलेंगे, जिनमें राजद्रोह की जगह अब देशद्रोह शब्द का इस्तेमाल होगा।हिट एंड रन के मामलों में 10  साल तक की सज़ा का प्रावधान होगा ।

देश के आपराधिक कानून में बड़े बदलाव की कोशिश में मोदी सरकार ने तीन नए विधेयक लोकसभा में पेश किए

1 – भारतीय न्याय संहिता 2023

2 – भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023

3 – भारतीय साक्ष्य संहिता 2023

इन तीनों विधेयकों में कई नए अपराधों को शामिल किया गया है और साथ ही कई अपराधों में अधिकतम सज़ा को बढ़ाया गया है। इन तीनों विधेयकों में कौन-कौन से प्रावधान हैं।

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भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 के प्रावधान के मुताबिक नाबालिग से रेप की सज़ा पर फांसी का प्रावधान होगा। गैंगरेप की सज़ा में 20 साल या ज़िंदा रहने तक जेल होगी। अगर गाड़ी चलाते वक्त हादसा होता है तो 10 साल की सज़ा होगी।  अगर आरोपी घायल को पुलिस स्टेशन या अस्पताल ले जाता है तो सज़ा कम हो जाएगीनए कानून में मॉब लिंचिंग पर भी सज़ा का प्रावधान जोड़ा गया है, इस केस में फांसी की सज़ा का प्रावधान है। अभी तक CrPC में मॉब लिंचिंग को लेकर कोई कानून नहीं था।

नए आपराधिक विधेयकों के जरिए मोदी सरकार गुलामी के दौर से चले आ रहे कानूनों को बदलने और उसमें लिखे गए शब्दों को संशोधित करने की कोशिश कर रही है । राजद्रोह कानून अब देशद्रोह कानून कहलाएगा। पहले राजद्रोह में सरकार के खिलाफ शब्द इस्तेमाल होता था लेकिन अब देश के खिलाफ शब्द का इस्तेमाल किया गया है। नए विधेयक में सरकार ने आतंकवाद की परिभाषा तय कर दी है।  देश की एकता और अखंडता पर खतरे वाली घटना आतंकवाद मानी जाएगी।

नए विधेयक के मुताबिक   डॉक्टरों की लापरवाही से होने वाली मौत गैर इरादतन हत्या मानी जाएगी। अगर किसी की गिरफ्तारी होगी तो उसके परिवार को जानकारी देनी होगी।- आरोपी की गैरमौजूदगी में भी केस का ट्रायल हो सकेगा। – इतना ही नहीं ट्रायल कोर्ट को अधिकतम 3 साल में अपना फैसला देना होगा।  गंभीर मामलों में आधी सजा काटने के बाद रिहाई मिल सकती है।

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हालांकि विपक्ष ने इन विधेयकों के कई प्रावधानों पर आपत्ति जताई है । AIMIM सांसद  असुद्दीन ओवैसी ने कहा कि इस बिल के कुछ प्रावधान मुस्लिमों के खिलाफ हैं।विपक्ष की आपत्तियों के बावजूद लोकसभा से ये तीनों विधेयक पास कर दिए गए हैं । अब आज इन तीनों विधेयकों को राज्यसभा में पेश किया जाएगा.वहां से पास होने के बाद राष्ट्रपति पास के इसे भेजा जाएगा, जिस पर दस्तखत होने के बाद ये कानून बन जाएगा ।

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